श्याम के प्रेमी नाम के प्रेमी करते सब तकरार है,
बच्चो की इस नादानी से दुखी श्याम सरकार है,
जिस घर में बस शाम सवेरे होती खींचा तानी है,
आपिस में सब तन कर रहते नहीं किसी की मानी है,
उस घर का मुखियां भी सोचे कैसा ये परिवार है,
बच्चो की इस नादानी से दुखी श्याम सरकार है,
टांग खींचते आपस में खुद ही खुद के दुश्मन है,
भूल गये सब इक बात को छोटा सा ये जीवन है,
मन में जलन है धोखे बाजी करते दिल पर बार है,
बच्चो की इस नादानी से दुखी श्याम सरकार है,
श्याम धनि भी सोच रहा है अब मैं किस से प्यार करू,
मेरा सब कुछ मेरे प्रेमी मैं किस से इजहार करू,
सच्चा प्रेमी इस दुनिया में ढूंढ रहा दातार है,
बच्चो की इस नादानी से दुखी श्याम सरकार है,
रोते रोते आये थे सब तुम को गले लगाया है,
ये भी प्रेम का भूखा अब तो गल इस का भर आया है .
प्रेमी करो सब आपस में तुम सोनी करे पुकार है,
बच्चो की इस नादानी से दुखी श्याम सरकार है,
All are quarreling with lovers named Shyam’s lover.
Shyam Sarkar is saddened by this stupidity of the children.
The house in which the bus is drawn early in the evening,
Everyone lives with each other, no one believes,
The head of that house should also think what kind of family this is.
Shyam Sarkar is saddened by this stupidity of the children.
Pulling legs are their own enemies,
Forgot everything, this is a small thing in life,
There is jealousy in the heart, there is a bar on the heart while cheating,
Shyam Sarkar is saddened by this stupidity of the children.
Shyam Dhani is also thinking whom should I love now,
To whom should I express my everything my lover,
True lover is looking for in this world,
Shyam Sarkar is saddened by this stupidity of the children.
You used to cry crying, everyone has embraced you,
He is also hungry for love, now he is full of it.
Do lovers, you are calling each other.
Shyam Sarkar is saddened by this stupidity of the children.