जो साई शरण में रहते हैं,
लोग उनको सता नही पाते है,
भरते है खुशियों से दामन,
जब साईं रहम फरमाते है,
जो साई शरण में रहते हैं
फरयाद में तेरी है देरी उनके आने में देर नही,
हो सकती है रात अंधरी दर साईं के अंधेर नही,
तूफ़ान में फसी हर नईया को मेरे साईं पार लगाते है,
जो साई शरण में रहते हैं
जो दुःख हरती है दुखियो की शिरडी में वो पावन ज्योति है,
तू देख वसा के दिल में उसे फिर बात खुदा से होती है,
दिल अपना जो साईं को दे बेठे वो साईं तेरे हो जाते है,
जो साई शरण में रहते हैं
बिन मांगे ही दे देते है साईं की शान निराली है,
कोई भक्त नही कह सकता यहा देखो मेरी झोली खाली है,
आते है जो गम के मारे यहा वो हस्ते हस्ते जाते है,
जो साई शरण में रहते हैं
Those who live in Sai refuge,
People can’t hurt them,
Fills your arms with happiness,
When Sai has mercy,
those who live in sai refuge
There is delay in your complaint, it is not too late for them to come,
May be the night is dark and not the darkness of Sai,
Every newya caught in the storm, crosses my sai,
those who live in sai refuge
The one who removes sorrow is the holy light in Shirdi of the afflicted.
You see, in the heart of the fat, he talks to God again,
The Sai that you give your heart to Sai becomes yours.
those who live in sai refuge
They give without asking, Sai’s pride is unique.
No devotee can say, look here my bag is empty,
Those who come because of sorrow, they go here laughingly,
those who live in sai refuge