भगवान की शरण

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प्राणी एक दिन सोचता है। कि मैंने खाने पीने सोने में जीवन व्यतीत कर दिया। तेरा इतना जीवन बीत गया। तु दस वर्ष ओर जी लेगा। इतने वर्षों में तुने सब कुछ देखा सब भोग भोगे तुने सब रिश्ते निभाए। क्या तुझे कही से कितना अपना पन मिला।ये संसार लेन देन पर टिका हुआ है अ प्राणी तुझे अपना पन तो जब मिलेगा जब कोई अपना होगा।ये जगत रंग मंच है यहाँ सभी अपना अपना रोल निभाने आए हैं। यदि तु सच्ची शान्ति चाहता है तो स्वामी भगवान् नाथ के पास जा। वो तुम्हे जाते ही गले से लगा लेंगे। आत्मा को समझा कि अ आत्मा तु यह न सोच ये शरीर भगवान् की भक्ति और पुजा पाठ करके तुझे परम पिता परमात्मा के मिलन में सहायक बनेगा। मन बुद्धि की अनेक इच्छाएं हैं ये मन सच्चा नही है। आत्मा परमात्मा से मिलने के लिए तुझे स्वयं ही चलना है कटीले रास्तो पर अकेले ही चलना पड़ता है। अ आत्मा तुझे शरीर को मन बुद्धि को अपने साथ समेट कर रखना है।
इसे ही दिल और मन कहते हैं। मन संसार का व्यवहार करता रहता है। और दिल भगवान का चिन्तन करता है।साधु सन्त भी इस परिस्थिति के लिए तङफते है कि कब भगवान मुझ पर कृपा करेंगे। जय श्री राम
अनीता गर्ग



One day the creature thinks. That I spent my life eating and sleeping. Your life has passed so much. You will live ten more years. In so many years, you have seen everything, you have enjoyed all, you have maintained all relationships. Did you get how much of your own money from anywhere. This world is based on transactions, a creature will get your paan only when someone is yours. This is the world stage, everyone has come here to play their role. If you want true peace then go to Swami Bhagwan Nath. He will hug you as soon as you leave. Understand the soul that a soul, do not think that this body will help you in meeting the Supreme Father, the Supreme Soul, by reciting devotion and worship of God. The mind and intellect have many desires, this mind is not true. In order to meet the soul, you have to walk on your own, you have to walk alone on thorny roads. O soul, you have to keep your body, mind and intellect with you. This is what is called heart and mind. The mind keeps on dealing with the world. And the heart thinks of God. Even the sages and saints are anxious for this situation that when God will bless me. Long live Rama Anita Garg

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