भगवद चिंतन 1

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श्री कृष्ण नाम अनन्त सागर है।भगवान के पास दो शक्तियां हैं दोनों भगवान की हैं एक है माया और दूसरी है भक्ति, जब कोई भगवान के समक्ष जाता है भगवान को प्रणाम करता है तो वह पूछते हैं बोलो क्या चाहिए ?माया चाहिए या भक्ति ?*
भक्त पूछता है महाराज दोनों में अंतर क्या है ?भगवान बोले देखो दोनों में एक ही अंतर है अगर तुम्हें नाचना हो तो माया ले जाओ और अगर मुझे नचाना हो तो भक्ति ले जाओ ।
क्योंकि जीव जिसके वशमें रहे उसका नाम माया और भगवान जिसके वश में हो जाएं उसका नाम भक्ति।
और भक्ति के राज्य में तो भगवान नृत्य करते हैं और भगवान के राज्य में समस्त संसार नाचता है जबकि भक्ति के राज्य में भगवान नाचते है।*
और भक्ति करने का सर्वोत्तम उपाय है नाम जप।नाम जप वो नौका है जो प्रभु ने इस वैतरडी को पार करने के लिए सभी को निशुल्क दी है।और नाम जप का कोई नियम नही।कि नहा धोकर ही पूजा में बैठकर नाम जप करना है।जैसी भी परिस्थिति हो उठते,बैठते,सोते, खाते, पीते,कही आते,जाते बस नाम जपने की आदत बना लो।फिर नाम चाहे कृष्ण,राम,हनुमान, या अन्य जो भी आपको जो भी प्रिय हो।
जय जय श्री राधेकृष्णा जी।श्री हरी आपका कल्याण करें।



The name Shri Krishna is infinite ocean. God has two powers, both are of God, one is Maya and the other is Bhakti, when one goes before God and bows to God, he asks what is needed? Maya or devotion? * The devotee asks, Maharaj, what is the difference between the two? God said, look, there is only one difference between the two, if you want to dance then take Maya and if I want to dance then take devotion. Because the person whose name is in control is Maya and the one whose name God becomes under his control is Bhakti. And in the kingdom of devotion God dances and in the kingdom of God the whole world dances whereas in the kingdom of devotion God dances. And the best way to do bhakti is chanting the name. Chanting the name is the boat which the Lord has given free of cost to everyone to cross this Vaitardi. And there is no rule of chanting the name. That is to chant the name by sitting in worship only after taking a bath. Make it a habit to chant the name whenever you wake up, sit, sleep, eat, drink, wherever you go. Then the name may be Krishna, Ram, Hanuman, or whatever else is dear to you. Jai Jai Shri Radhekrishna ji. May Shri Hari bless you.

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