आपका ईष्ट पालक
मेरा ईष्ट बालक

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एकबार किसी गांव में सत्संग करने के लिए बाबा
कबीर जी और बाबा सूरदास जी
दोनो गये शाम को सत्संग में दोनो संतो ने खूब रस बरसाया सत्संग
चल रहा था कि अचानक वहां भूचाल आने लगा लोग सत्संग में से
भागने लगे
तभी लोगो का है हल्ला सुना तो बाबा सूरदास
जी भी भागने लगे
बाबा कबीर जी को बहुत हैरानी
हुई कि संगत तो भगी लेकिन बाबा तो सिद्ध संत हैं हम
संतो को जीवन मरण से क्या मतलब बहुत सोचने लगे
बाबा कबीर
कुछ देर बाद सब कुछ ठीक हुआ सब संगत फिर
पंडाल में बैठने लगी बाबा सूरदास भी अपने
आसन पर बैठ गये
बाबा कबीर बाबा सूरदास से बोले कि बाबा यहां तक
मेरी समझ है यानि की मेरी
किसी बात को गलत मत लेना आपतो सिद्ध संत हैं हम
संतो को जीवन मरण से क्या लेना देना पर मेरा संशय दूर
करें कृपया ये बतायें कि आप इस सत्संग से क्यों भागे
बाबा सूरदास बोले कि जब आप कथा कह रहे थे तो इस सत्संग में
मेरा बालकृष्ण भी आपकी कथा सुन रहा
था
कबीर बोले तो
बाबा सूरदास बोले कि बाबा मैं इसलिये भागा कि मेरा बालकृष्ण
कहीं धक्का मुक्की में कहीं
गिर न जाये और उसको कहीं चोट न लग जाए मैं उसे
पकडने के लिए भागा था
बाबा कबीर बोले कि आपतो सूरदास हैं फिर आप उसे न
देख पाते तो उसे आप कैसे पकडते
बाबा सूरदास बोले बाबा मैं उसे नहीं देख सकता तो वो मुझे
देख सकता है अगर कोई ऐसीवैसी बात
होती तो उसने मुझे देख मेरे गले लग जाना था
बाबा कबीर बोले बुरा न मानना बाबा यहाँ सत्संग में तो मेरे
राम भी बैठे थे वो तो नहीं भागे
बाबा सूरदास बोले कि बाबा बात ये है कि आपका ईष्ट
* पालक है*
संसार को पालने वाला है
और बाबा मेरा ईष्ट
**** बालक है ****
बाबा कबीर इतने खुश हुये बाबा सूरदास से गले मिल रोने
लगे कि बाबा आपही के कारन आज मुझे
श्री बालकृष्ण लला के दर्श हुए
जै जै श्री रघुवर लाल सरकार जी
की
जै जै श्री बालगोपाल सरकार जी
की



Baba once for doing satsang in a village Kabir ji and Baba Surdas ji Both the saints showered a lot of juice in the evening satsang. It was going on that suddenly there was an earthquake, people from the satsang started running away Then Baba Surdas also started running Baba Kabir ji was very surprised It happened that the company is gone, but Baba is a perfect saint. Saints started thinking a lot about the meaning of life and death. Baba Kabir After a while everything is fine, everything is compatible again Baba Surdas also started sitting in the pandal. sat on the seat Baba Kabir told Baba Surdas that Baba even I understand that I Don’t take anything wrong, you are a perfect saint. My doubts are cleared on what the saints have to do with life and death. Please tell me why you ran away from this satsang Baba Surdas said that in this satsang when you were telling the story My Balakrishna is also listening to your story was If Kabir says Baba Surdas said that Baba I ran because my child Krishna somewhere in a scuffle don’t fall and he doesn’t get hurt ran to catch Baba Kabir said that you are Surdas, then you will not him. If you could see, how would you catch him? baba surdas said baba if i can’t see him then he gives me can see if such a thing If he had seen me, he would have hugged me. Baba Kabir said, don’t feel bad, Baba is here in the satsang. Ram was also sitting, he did not run away Baba Surdas said that Baba, the matter is that your Ishta *spinach* sustainer of the world and baba my favorite **** is a boy **** Baba Kabir was so happy hugging Baba Surdas and crying I felt that today because of you Baba Shri Balakrishna had a vision of Lala Jai Jai Shri Raghuvar Lal Sarkar Of Jai Jai Shree Balagopal Sarkar Of

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