जीवन में संग का बहुत बड़ा प्रभाव होता है। किसी व्यक्ति के जीवन को देखकर यह समझा जा सकता है कि उसने जीवन में किस प्रकार का संग किया होगा।।
हमारे जीवन निर्माण में संग की अहम भूमिका होती है। इत्र का संग मिलने से तो काँच भी महक उठता है।।
बन जाता है उसी प्रकार श्रेष्ठ का संग करने से जीवन मूल्यवान एवं श्रेष्ठ अवश्य बन जाता है।।
अन्न, धन, ऐश्वर्य, वैभव, पद, प्रतिष्ठा, मान, सम्मान, बल, बुद्धि भले ही जीवन में सब हो लेकिन सुसंग न हो तो सब रावण की सोने की लंका के समान ही है।। "धन्य घड़ी सोई जब सतसंगा"
वही घड़ी धन्य है जिस घड़ी मनुष्य सत्संग का आश्रय ले रहा हो।।
वस्तुएं होते हुए भी वस्तुओं का श्रेष्ठतम उपयोग करना ये हमें सत्संग ही सिखाता है। ब्रह्मास्त्र अश्वत्थामा ने भी चलाया और अर्जुन ने भी लेकिन अश्वत्थामा, दुर्योधन अथवा कुसंग से प्रेरित था तो उसने अधर्म के लिए उसका उपयोग किया और अर्जुन, श्रीकृष्ण अथवा सत्संग से प्रेरित था तो उसने धर्म के रक्षण के लिए उसका उपयोग किया।।
सत्संग वो चिकित्सालय है जहाँ मन के समस्त विकारों, मन के समस्त रोगों का पूर्ण निवारण किया जाता है।।
आप सत्संग प्रेमी बनो! वो आपको उस प्रभु का और सबका प्रिय बना देगा।।
Association has a huge impact in life. By looking at the life of a person, it can be understood that what kind of association he must have done in life.
Association plays an important role in the making of our life. With the association of perfume, the smell of the glass also rises.
Similarly, by associating with the best, life definitely becomes valuable and elevated.
Food, wealth, opulence, splendor, position, prestige, prestige, honour, strength, intelligence may be everything in life, but if there is no harmony, then everything is like Ravana’s golden Lanka. “Blessed clock slept when satsanga”
Blessed is the moment when a person is taking shelter of satsang.
In spite of being things, to make the best use of things, this only teaches us satsang. Brahmastra was also run by Ashwatthama and Arjuna also but was inspired by Ashwatthama, Duryodhana or Kusang, so he used it for adharma and Arjuna was inspired by Shri Krishna or satsang, so he used it for the protection of Dharma.
Satsang is the hospital where all the disorders of the mind and all the diseases of the mind are completely cured.
You be a satsang lover! He will make you dear to that Lord and everyone.