भगवान नाम, भजन कीर्तन में प्रेम विस्वास और श्रद्धा छीपी हुई है। प्रेम विस्वास श्रद्धा और आन्नद हमे बाहरी बाजार में मिल नहीं सकते हैं। ये राम नाम धन में छीपे है। राम नाम हमे सगुण साकार में और निर्गुण निराकार में दोनों में दर्शन देता है। राम नाम के सिमरन में हनुमान जी हर क्षण भक्त के सहायक बने खङे है। भक्त भी हनुमान जी को दिल ही दिल में राम नाम सुनाता है। भगवान भक्त का अन्तर्मन शुध्द कर देते हैं। भक्त को संसारिक सुख गौण लगते हैं। भक्त भगवान को नाम सिमरण में ही नहीं ढुढता है भक्त भगवान को हर भाव में किरया कर्म में हर विचार में भगवान को खोजता है।
अ प्राणी खोज तुझे दिल की धड़कन में करनी है।
भक्त और भगवान की लीला बङी अनुठी है। भक्त भगवान नाथ के बैगर एक पल भी रह नहीं सकता है। और भगवान भी भक्त के बिना नहीं रहते हैं।भगवान भक्त की हर किरया कर्म में समा जाते हैं। भगवान अन्तर्मन में भाव प्रकट कर जाते हैं। भक्त चल रहा है भगवान भक्त मे स्तुति भर जाएगे। भक्त को आनंद और प्रेम से परीपुरण कर जाते हैं। जब कोई बात करने वाला नहीं मिलता है। भगवान अन्तर्मन में बात करने आते हैं। जय श्री राम
अनीता गर्ग
भक्त भगवान नाथ के बैगर एक पल भी रह नहीं सकता है। और भगवान भी भक्त के बिना नहीं रहते हैं।भगवान भक्त की हर किरया कर्म में समा जाते हैं। भगवान अन्तर्मन में भाव प्रकट कर जाते हैं। भक्त चल रहा है भगवान भक्त मे स्तुति भर जाएगे। भक्त को आनंद और प्रेम से परीपुरण कर जाते हैं।भक्त जानता है कि अन्तर्मन मे प्रकट होने वाले भाव भगवान की कृपा दृष्टि पर ही बनते हैं जय श्री राम अनीता गर्ग
भक्त भगवान नाम सिमरण हर भाव में
Love, faith and reverence are hidden in the Lord’s name, bhajan kirtan. We cannot get love, faith, reverence and joy in the outside market. This name of Ram is hidden in wealth. Ram Naam gives us darshan both in sagun form and in nirgun formless. In the simran of Ram Naam, Hanuman ji has stood as the assistant of the devotee every moment. The devotee also narrates the name of Ram in his heart to Hanuman ji. God purifies the soul of the devotee. Worldly pleasures are secondary to the devotee. The devotee does not find God only in the name Simran, the devotee seeks God in every thought, in every thought, in every gesture.
A creature search you have to do in a heartbeat. The leela of the devotee and the Lord is very unique. The devotee cannot live even for a moment without Lord Nath. And the Lord also does not live without the devotee. God is absorbed in every action of the devotee. God manifests feelings in the inner being. The devotee is walking, the praise of God will be filled in the devotee. The devotee is filled with joy and love. When there is no one to talk to. God comes within to talk. Long live Rama Anita Garg
The devotee cannot live even for a moment without Lord Nath. And the Lord also does not live without the devotee. God is absorbed in every action of the devotee. God manifests feelings in the inner being. The devotee is walking, the praise of God will be filled in the devotee. The devotee is filled with joy and love. The devotee knows that the feelings that appear in the heart are formed only by the grace of God. Jai Shri Ram Anita Garg
Devotee God Naam Simran in every sense