सारा खेल विश्वास का है। अपनी इच्छा पूरी करने के लिए विश्वास का होना जरुरी है। रिश्ते खून के नहीं होते विश्वास के होते हैं। अगर विश्वास हो तो पराये भी अपने हो जाते हैं और अगर ना हो तो अपने भी पराए हो जाते हैं।
विश्वास रखने से कई चमत्कार भी होते हैँ। हाँ.. पर विश्वास के साथ साथ गहरी सूझभुझ भी रखनी चाइये।
हमारे अन्दर विस्वास की जागृति तभी सम्भव है जब हम भगवान राम कृष्ण के नाम का सिमरण करते हैं जब भी कोई विपत्ति आती है हम कथा, कीर्तन, पाठ और नाम सिमरण करने लगते हैं। कुछ दिनों के बाद हमारे मन में विस्वास की जागृति होने लगती है हम कहते हैं यह कार्य तो अभी ठीक हो जाएगा। हमारे अन्दर विस्वास की दृढ़ता सुखी और शांत जीवन के स्त्रोत है। अपने आप पर विश्वास रखते हुए हम अन्य के प्रति शुद्ध दृष्टिकोण बनाते हैं।
जीवन मे यह मायने नहीं रखता कि कितने धीमे जा रहे हैं बल्कि यह मायने रखता है कि बिना रुके कितनी दूर जा रहे हैं।
॥ जय श्री राधे कृष्ण ॥