सांवरे दिल को चुरा लेना

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भक्त भगवान का चिन्तन मनन करते हुए भगवान का बन जाना चाहता है। अपने इष्ट का ध्यान करना अपने भगवान से दिल में जो भाव बनते हैं। भगवान को उन भावो से रिझाते हुए कहता है।

मेरे सांवरे तुम गोपीयो का माखन चुराते हो । सांवरे गोपीयो के साथ रास तुम रचाते हो। सांवरे तुम कब आओगे।भक्त भगवान को कहता है

सांवरे आओ आज इस घर का माखन चुरा लो। भक्त के दिल में चैन नहीं कि कब भगवान आए और भगवान श्री हरि से एकाकार हो जाऊं।

भक्त राम राम राम राम, राधे कृष्ण राधे कृष्ण, हरि मुरारी, हे नाथ, हे प्राण वल्लभ तुम इस दास की ओर नजर कब करोगे।

हे दीनानाथ हे दीनबंधु इक बार दास की ओर नजर तो करो। भक्त के दिल में भाव बनता भगवान आएं इस दिल को चुरा ले। ये दिल सांवरे का ही है।

  रूप तुम्हारा बनाया हुआ ये दिल तेरा है दिल की धङकन तुम हो फिर भी तुम बिन अधुरी हूं। कब पुरण हो पाऊँगी।पुरण भी तुम्ही करोगे


हे सांवरे दिल को क्यों नहीं चुराते  हो। सांवरे को रोज पुकारता हूं। अ सांवरे ये तन मन धन तेरी धरोहर है।

तु अपनी धरोहर को कब आकर लेकर जाओगे ।तेरा तुझ में समा जाए भक्त की यही पुकार हैं। भक्त जानता है कि इस क्षण भंगुर शरीर में कुछ भी मेरा नहीं है

यह आकृति परमात्मा की बनाई हुई है परमात्मा ही सब कुछ हैं। जय श्री राम अनीता गर्ग

The devotee becomes of the Lord by worshiping the Lord. Meditating on one’s Ishta tells God to woo God with the feelings that are created in the heart. My sweetheart, you used to steal the butter of the gopis. You compose raas with the evening gopis. When will you come well. There is no rest in the heart of the devotee that when God comes and becomes one with Lord Shri Krishna. Devotee Ram Ram Ram Ram Radhe Krishna Radhe Krishna Hari Murari Hey Nath Hey Pran Vallabh When will you look at this maidservant, O Dinanath, O Dinabandhu Dinanath, look at the servant once. May God come to create a feeling in the heart of the devotee, steal this heart. This heart belongs to the sun only. This heart is yours made by you, you are the heartbeat of your heart, yet you are incomplete without me. When will I be able to be Puran. You will also do Puran
Why don’t you steal the darkest heart? Everyday I call Saaware, A Saaware Yeh Tan Mana Dhan is your heritage. When will you come and take away your heritage. This is the call of the devotee to get absorbed in you. The devotee knows that at this moment nothing is mine in the brittle body, this form is made of God, God is everything. Jai Shri Ram Anita Garg

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