हरे कृष्ण
प्रतिदिन आयु कम हो रही है, मृत्यु निकट आ रही है—इसे मत भूलें। मृत्यु के बाद आपके न रहनेपर भी यहाँ किसी काम में कोई अड़चन न होगी, यह एक परम सत्य है। आप देखते हैं—परिवार में किसी प्रमुख व्यक्ति की मृत्यु के समय कितना हाहाकार मचता है; पर पीछे सब अतीत के गर्भ में दब जाता है। उनका न होना कितने आदमियों को खटकता है? यही दशा हम सबकी होगी। लोग भूल जायँगे और जगत् का काम ठीक जैसा चलना चाहिये, वैसा चलता रहेगा। लेकिन एक काम है जो आपके बिना नहीं ही होगा और वो है भगवत भजन। आपके लिये भजन आपको ही करना पड़ेगा| इस काम की पूर्ति आपको ही करनी पड़ेगी। इसलिये बहुत गम्भीरता के साथ मन को, जो यहाँ फँस रहा है, यहाँ से निकालकर आगे सुधार में अर्थात भगवत भजन में लगाइये। भगवत्प्राप्ति के सिवा कोई ऐसी स्थिति नहीं है कि जो निर्भय हो, जहाँ से पतन का भय न हो। सर्वत्र अशांति है, सर्वत्र भय लगा हुआ है। इसलिये उस स्थिति को प्राप्त करने में ही हमारी सार्थकता है, जिसे पाकर अशान्ति मिट जाये —अनन्त शान्ति मिल जाय, सदा सर्वदा के लिये हम सुखी हो जाएँ।
🙏🏻🙏🏻हरे कृष्ण🙏🏻