अन्तर्मन के द्वार खटकाओ

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भगवान को अन्तर्मन से चिन्तन मन्न करते रहे। भगवान के सामने मांगने के लिए हाथ नहीं फैलाओ। परमात्मा के चरणों में नतमस्तक हो जाओ। आंखे बन्द कर एक पल के लिए सोचो परमात्मा भगवान श्री हरि हृदय में बैठें है मै दिल की आंखों से भगवान को निहार रहा हूं। मुझे अभी भगवान को अन्तर्मन से भज कर सच्चे मार्ग पर चलना है भगवान से जीतेजी ही साक्षात्कार करना है मेरे मनुष्य जन्म का उद्देश्य परम तत्व को जाग्रत करना है

संसार बुरा नहीं है मुझमे बुराई छुपी बैठी है मै भगवान का नाम जप करते हुए पहले पवित्र मन होकर देखता हूं। तब मुझे जगत कैसा दिखता है जगत के हर प्राणी में अब मुझे परम तत्व की झलक आती है आज मेरा जीवन और मृत्यु दोनों सुधार गए हैं।

मै भगवान नाम को बाहर बाहर से भजता था जब मैंने भगवान को मन के द्वार बन्द करके अन्तर ह्दय से भजा मेरे अन्दर के द्वार खुलते गए अब मुझमें मेरे मै की मृत्यु हो गई है अब तु ही तु है। जय श्री राम अनीता गर्ग

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