सत्यकी जय होती है
‘यह तरबूज कैसा है लड़के? -एक ग्राहकने
पूछा।
‘यह तरबूज भीतरसे सड़ा है, श्रीमान् !’
ग्राहक मुँह बिदोरकर आगे बढ़ गया।
बगलमें दूसरा लड़का ककड़ी बेच रहा था। एक ककड़ीको उठाकर उसी ग्राहकने पूछा—’यह ककड़ी कैसी है लड़के ?’
‘यह ताजी है, एकदम ताजी श्रीमान् !’
ग्राहक पैसे चुकाकर ककड़ी ले गया।
दूसरा पहलेवाले लड़केसे बोला- ‘बड़ा मूर्ख है तू। अपने बेरको भी कोई खट्टा बताता है ? तू तू अपने मुँहसे अपने मालको खराब बताता है, तो कौन खरीदेगा उसे? मुझे देख, तीन दिनकी बासी ककड़ी मैंने ‘ताजी’ कहकर बेच दी। और तू बैठा है अपना तरबूज लिये तू हुए। कौन खरीदेगा तेरा माल ?”
पहला लड़का बोला-‘कोई खरीदे या न खरीदे। मैं कहूँगा सच ही । जैसी चीज होगी, वैसी ही उसे बताऊँगा। झूठ बोलकर ग्राहकको कभी नहीं ठगूँगा, भले ही मुझे कितना ही कष्ट क्यों न उठाना पड़े।’
दूसरे दिन उस ग्राहकने ककड़ीवाले लड़केको बुरी तरह फटकारा-‘तूने हमें ठग लिया। बड़ा झूठा है। कौन खरीदेगा तेरा माल ?’
पहलेवाले लड़केकी दूकान धड़ल्लेसे चलने लगी। लोगोंने समझ लिया कि चाहे जो हो, यह सच बोलता है। किसीको ठगता नहीं। माल महँगा हो तो भी लोग उसीसे खरीदते। सोचते, चीज तो उसके यहाँ ठीक मिलेगी।
धीरे-धीरे उसकी बड़ी उन्नति होती गयी। वह बड़ा सफल व्यापारी बन गया।
सत्यकी जय होती है। झूठकी पोल एक दिन खुलकर ही रहती है। [ श्रीकृष्णदत्तजी भट्ट ]
truth prevails
‘How’s this watermelon boy? – a customer
Asked.
‘This watermelon is rotten from inside, sir!’
The customer went ahead with a frown.
Another boy next to him was selling cucumber. Picking up a cucumber, the same customer asked – ‘How is this cucumber boy?’
‘It’s fresh, very fresh sir!’
The customer took the cucumber after paying the money.
The second said to the first boy – ‘You are a big fool. Does anyone call his Berko sour? You tell your property bad with your mouth, then who will buy it? Look at me, I sold three days old cucumber saying ‘fresh’. And you are sitting with your watermelon. Who will buy your goods?”
The first boy said – ‘Whether someone buys or doesn’t buy. I would say the truth. I will tell him as it will be. I will never cheat the customer by lying, no matter how much trouble I have to suffer.’
The next day that customer reprimanded the cucumber boy – ‘You cheated us. He is a big liar. Who will buy your goods?’
The shop of the previous boy started running smoothly. People understood that whatever happens, he speaks the truth. He does not cheat anyone. Even if the goods were expensive, people would have bought them from him. Thinking, things will be fine here.
Gradually he made great progress. He became a very successful businessman.
Truth prevails. The secret of lies remains open only for one day. [Shrikrishnadattji Bhatt]