गत वर्ष मैं पटनेमें मकान बना रहा था। बरसात के कुछ पहले एक वैगन चूना आ गया। चारों तरफ ईंट खड़ाकर और ऊपर करोगेटेड टीनके चादर रखकर उस चुनेको भीतर रख दिया गया। उन टीनके चादरोंको रोकनेके लिये उन चादरोंको कुछ ईंटोंसे दबा दिया गया। थोड़े दिन बाद अर्द्ध रात्रिके समय बड़े ही जोरका अंधड़ पानी आया, इतने जोरका कि शहरकी बिजली बुझ गयी, अनेकों पेड़ और कुछ मकानोंके छप्पर गिर गये। उस घोर रात्रिमें मैंने सोचा कि मेरे चुनेके घरके डीनके चादर, जो थोड़े ईंटोंसे दबाकर रखे गये थे, जरूर ही उड़ जायँगे और समूचा चूना विनष्ट हो जायगा। मैं तत्क्षण बैठकर प्रभुसे रक्षार्थ प्रार्थना करने लगा। मैंने अशरण-शरणकी पुकार की। मैंने सोचा इस घोर परिस्थितिमें उनके बिना और कोई सहारा नहीं है। मैंने स्मरण किया
‘कोटि विघ्न संकट बिकट, कोटि सत्रु जो साथ ।
तुलसी बल नहिं करि सकैं जो सुदिष्ट रघुनाथ ॥
‘गरल सुधा रिपुकरहिं मिताई गोपद सिंधुअनलसितलाई॥
गरुड़ सुमेरु रेनु सम ताही।राम कृपा करि चितवा जाही ॥
‘चाहे तो छार काँ मेरु करै,अरु मेरु कौंचाहेतो छारबनावै।
चाहे तो रंक कौंराव करै,अरु राव को द्वार ही द्वारफिरावै॥
‘निरालम्बो लम्बोदरजननि कं यामि शरणम् ॥
‘क्षुधातृषार्ता जननीं स्मरन्ति ॥
‘दारिद्र्यदुःखभयहारिणि का त्वदन्या,
सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता ॥
‘निराश्रयं मां जगदीश रक्ष।’
दूसरे दिन सबेरे मुझे आश्चर्य हुआ, यह देखकर कि मेरे चूनेके घरके ऊपरके टीनके चादर अपनी जगहपर मौजूद थे। मैंने देखा कि मेरे एक मित्रके घरके ऊपरके असबेस्टसके चादर जो तारसे बँधे थे टूटकर गिर पड़े थे। प्रभुकी कृपासे मैं गद्गद हो गया।
Last year I was building a house in Patna. Just before the rainy season, a wagon train arrived. That chuna was kept inside by erecting bricks all around and placing corrugated tin sheets on top. To stop those tin sheets, those sheets were pressed with some bricks. A few days later, at midnight, there was a very strong thunderstorm, so strong that the city’s electricity went out, many trees and roofs of some houses fell. In that dark night, I thought that the bed sheets of my chosen one’s house, which were kept pressed with a few bricks, would definitely fly away and the entire lime would be destroyed. Immediately I sat down and started praying to the Lord for protection. I called for refuge and refuge. I thought in this dire situation there is no other help without them. i remembered
Millions of troubles and crisis, crores of friends who are with you.
Tulsi force could not do what Sudisht Raghunath ॥
‘ Girl Sudha Ripukarhi Mitai Gopad Sindhuanalsitlai ॥
Garuda Sumeru Renu Sam Tahi. Ram Kripa Kari Chitwa Jahi ॥
‘ If you want to make me a drink, then if you want me to make a drink.
If you want, you can do rank and file, Aru Rao has to go from door to door.
‘Niralambo Lambodarjanani K Yami Sharanam ॥
‘Kshudhatrisharta Janani Smranti ॥
‘Poverty, sadness, fear of fear’
Sarvopakarkaranay Sadardrachitta ॥
‘Nirashrayam Maa Jagdish Raksha.’
Next morning I was surprised to find that the tin sheets on top of my lime house were in place. I saw that the asbestos sheets on the top of one of my friend’s houses which were tied with wires had broken and fallen. By the grace of the Lord, I became very happy.