हमने बहुत से जन्मदिन मनाए बहुत सी शादी की वर्षगांठ मनायी जिस दिन जन्मदिन और वर्षगांठ होती है उस दिन हमारे पास अनेक मैसेज आते हैं।
हम बहुत प्रफुल्लित होते हैं। मन खुशी से भर जाता है। ऐसे ही हम अपनी मृत्यु दिवस को मनाने की तैयारी करें। मेरी एक दिन मृत्यु होगी मुझे जीतेजी ही मृत्यु के विषय में विचार करना है। जन्म भगवान ने दिया है तब मृत्यु भी भगवान ही देंगे। हमे जीतेजी भगवान को भजते हुए भगवान की शरणागति लेनी है। जब मेरी मृत्यु हो उससे पहले मेरे पास अभी समय है मै पृथ्वी पर किस लिए आया था मै कोन हूं
मुझे अपने अन्तर्मन मे जीतेजी ही झांक कर देखना है क्या मैंने मनुष्य जन्म मिलने पर अध्यात्मवाद को दृढ किया। मुझे इस मन को भक्ति में लीन करना चाहिए। मै पल पल भगवान के भाव मे खो जाऊं ।मुझमें मुझसे मै और मेरापन की मृत्यु हो जाए। मृत्यु का मतलब शरीर का छुटना ही नहीं है।
भारत की भूमि पर अनेक ऐसे सन्त हुए हैं जिन्होंने जिवित भगवान से साक्षात्कार किया है।हमारा एक एक क्षण भगवान के चिंतन और मनन के लिए है। शरीर को शान्त परमात्मा में लीन योग मार्ग से प्राण छोड़ दिये हैं।
मृत्यु पर भी खुशी की एक लहर हो। ईश्वर खङे होगे निगाहें ईश्वर की बन जाऐ। रोम रोम से राम ध्वनि निकल रही होगी । सम्बंध जुड़ जाए। तन मन की शुद्ध नहीं होगी।
हे प्रभु प्राण नाथ अब प्राण छुटना चाहते हैं। मैं तुम्हारे प्रेम में सिमट जाना चाहती हूं। भगवान् नाथ के आगमन पर धरती और आकाश
प्रकाशवान होंगे। मै तुम्हारी बन जाऊंगी शंखनाद होगा।
पृथ्वी पर हरियाली छाएगी सन्त समाज का आगमन होगा। ऐसे ये मेरा मृत्यु दिवस हो जय श्री राम अनीता गर्ग 🙏