मोहन की याद आई
अश्को को बहाने दो
यादो में जरा उनकी
राहों में जरा उनकी
सजदे तो बिछाने दो
1 सुनते है मेरे मोहन, नज़रो से पिलाते है
नज़रो से पिलाते है,,,,,,2
नज़रो से मुझे उनकी जरा नज़रे तो मिलाने दो
2 रूठना और तड़पना, है बाँकी अदा उनकी
वो रूठे रहे चाहे,,,,,,,,,
वो रूठे रहे चाहे, मुझको तो मनाने दो,,
मोहन की याद आई,,,,,,
3 दुनिया में अगर मेरी, कोई और नही सुनता
दुनिया के जो मालिक है,,,,,
दुनिया के जो मालिक है जरा उनको तो सुनाने दो