हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे लापरवाही मत करो , उधार मत करो , अभी से डट जाओ , वो एक कल गया , वो आज एक और जा रहा है , कोई गर्भ में ही मर गया , कोई जन्म के तुरंत बाद मर गया , कोई बचपन में , कोई जवानी में मर गया , बुढ़ापा आया हीं नहीं । हर रोज देखते हैं ।
और हम मान के बैठे हैं , हम तो अभी नही जाने वाले ।
वो चला गया पर हम तो नहीं जाऐगें , हम तो बुढापे में मरेंगे । ऐसी मूर्खता है । किसका शरीर किस समय छिन जाये कोई नहीं जानता ,
इसलिये गलतफहमी मत पालो की हम तो अभी नही जा सकते , अरे काल के आगे किसी का बस नहीं चलता ।
ना जाने कब किसकी मृत्यु आ जाये , इसलिये अपना परम चरम लक्ष्य पाने के लिये अभी से साधना में जुट जाओ । उधार मत करो , पता नहीं फिर ये अनमोल मानव देह मिले ना मिले , कब मिले । महामंत्र का ज
प निरंतर करते रहे
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
राधे राधे 🙏🏻