केवल तुहें पुकारूँ प्रियतम ! देखूँ एक तुहारी ओर।
अर्पण कर निजको चरणोंमें बैठूँ हो निश्चिन्त, विभोर॥
केवल तुहें पुकारूँ प्रियतम ! देखूँ एक तुहारी ओर।
प्रभो ! एक बस, तुम ही मेरे हो सर्वस्व सर्वसुखसार।
प्राणोंके तुम प्राण, आत्माके आत्मा आधेयाऽधार॥
केवल तुहें पुकारूँ प्रियतम ! देखूँ एक तुहारी ओर।
भला-बुरा, सुख-दुःख, शुभाशुभ मैं, न जानता कुछ भी नाथ !।
जानो तुहीं, करो तुम सब ही, रहो निरन्तर मेरे साथ॥
केवल तुहें पुकारूँ प्रियतम ! देखूँ एक तुहारी ओर।
भूलूँ नहीं कभी तुमको मैं, स्मृति ही हो बस, जीवनसार।
आयें नहीं चित-मन-मतिमें कभी दूसरे भाव-विचार॥
एकमात्र तुम बसे रहो नित सारे हृदय-देशको छेक।
एक प्रार्थना इह-परमें तुम बने रहो नित सङङ्गी एक
केवल तुहें पुकारूँ प्रियतम ! देखूँ एक तुहारी ओर।
Just call you darling! Let’s take a look at you.
Surrender and sit at his feet, you are relaxed, you are full.
Lord! Just one, you are mine, the most happy of all.
You are the soul of the souls, the soul of the soul is half the way.
Good-bad, happiness-sorrow, good luck, I don’t know anything Nath!
You know, you do everything, stay with me continuously.
I should never forget you, just a memory, the essence of life.
Other feelings and thoughts should never enter the mind.
Only you remain settled, always touch the whole heart-country.
A prayer in this-God you always remain one