विनती सुन लो मारुती नंदन
काटो मेरे दुःख के बंधन ….
हे महावीर बजरंगबली
तुम्हे सब कहते है दुःख भंजन….
चरण शरण में आय के, धरूं तुम्हरा ध्यान .
संकट से रक्षा करो, पवनपुत्र हनुमान ..
दुर्गम काज बनाय के, कीन्हें भक्त निहाल .
अब मोरी विनती सुनो, हे अंजनि के लाल ..
हाथ जोड़ विनती करूं, सुनो वीर हनुमान .
कष्टों से रक्षा करो, पवनपुत्र हनुमान ..
राम भक्ति देहुँ मोहि दान,राम भक्ति देहुँ मोहि दान
जय श्री बालाजी की …….
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शक्ति और समर्पण का प्रतीक – हनुमान, जो हमें आत्मा की अद्वितीयता की ओर ले जाता है।