हे शिव आपको हमारा बारम्बार प्रणाम हे महादेव हे करूणानिधान हे शुलपाणी हे कल्याणकारी आपको बारम्बार प्रणाम आपको बारम्बार ।
हे प्रभु न जाने इस जन्म में अथवा न जाने किस जन्म मे आप से विमुख होकर क्या – क्या कर्म किये हैं मै नही जानता उन पापों से शुध्द करने और सहनशील और धैर्यवान बनाने के लिए आप जो परिस्थितियों भेजते है वे सब मेरे लिए साधन बन जाए प्रभु ।
हे शिव आपको हमारा बारम्बार प्रणाम हे
हे प्रभु देह से भिन्न हूँ मै ये जान लु मै। मान अपमान के बन्धन मे न पढु मै निर्लिप्त होकर सन्सार में रहूं मै आपसे यही प्रार्थना है। हे नाथ सबमें आपको देखता हुआ आपका ही चिन्तन करता रहु हमारी आपसे प्रार्थना है। हे प्रभु आपको बारम्बार प्रणाम बारम्बार प्रणाम आपको बारम्बार प्रणाम ।।।।
O Shiva, we offer our obeisances to you again and again, o Mahadev, O Lord of compassion, O Shulpani, O Benefactor, obeisances to you again and again. O Lord, I don’t know in this birth or in which other birth, I don’t know what deeds I have done by turning away from you, may all the situations you send become means for me to purify me from those sins and make me tolerant and patient. Lord .
O Shiva, we salute you again and again O Lord, let me know that I am different from the body. Don’t get into the bondage of respect and humiliation, I request you to remain detached and live in the world. O Nath, seeing you in everyone, keep thinking of you, we pray to you. O Lord, salutations to you again and again, salutations to you again and again.