हल षष्ठी⛏️
श्री बलराम जी जन्मोत्सव

||जय बलदाऊ||मित्रों, सुप्रभातम्_वरिष्ठ जनों को सादर प्रणाम_

मंगलवार, 5 सितंबर, 2023
विक्रमी संवत 2080, शक संवत 1945
भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष
नक्षत्र: भरणी
षष्ठी तिथि
शिक्षक दिवस
हल षष्ठी⛏️
श्री बलराम जी जन्मोत्सव

पर्व मंथन

आज भगवान विष्णु के नौवें अवतार श्री बलराम जी का जन्मोत्सव पर्व है जो आज के दिन देशभर में विशेषकर मथुरा, गुजरात में धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मान्यता है कि इस दिन श्री आदि शेषनाग द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई के रुप में अवतरित हुए थे। इस पर्व को हल षष्ठी एवं हर छठ के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि मान्यता है कि बलराम जी का मुख्य शस्त्र हल तथा मूसल हैं जिस कारण इन्हें हलधर कहा जाता है इन्हीं के नाम पर इस पर्व को हल षष्ठी भी कहा जाता है। इस दिन बिना हल चले धरती से पैदा होने वाले अन्न, शाक भाजी आदि खाने का विशेष महत्व माना जाता है।

गाय के दूध व दही के सेवन को भी इस दिन वर्जित माना जाता है। साथ ही संतान प्राप्ति के लिये विवाहिताएं व्रत भी रखती हैं।

हिन्दू धर्म के अनुसार मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण शेषनाग का अवतार थे, इसी प्रकार द्वापर में जब भगवान विष्णु पृथ्वी पर श्री कृष्ण अवतार में आए तो शेषनाग भी यहां उनके बड़े भाई के रूप में अवतरित हुए। शेषनाग कभी भी भगवान विष्णु के बिना नहीं रहते हैं। बलराम जी जन्मोत्सव के दिन सौभाग्यवती स्त्रियां बलशाली पुत्र की कामना से व्रत रखती हैं, साथ ही भगवान बलराम से यह प्रार्थना की जाती है कि वो उन्हें अपने जैसा तेजस्वी पुत्र प्रदान करें। शक्ति के प्रतीक बलराम जी भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई हैं, जिन्हें भगवान श्रीकृष्ण प्रेम से दाऊ कह कर बुलाते थे, इन्हें आज्ञाकारी पुत्र, आदर्श भाई तथा एक आदर्श पति भी

माना जाता है। भगवान श्री कृष्ण की लीलाएं इतनी महान तथा मनभावन हैं कि बलराम जी की ओर ध्यान बहुत कम जाता है। लेकिन श्री कृष्ण इन्हें बहुत मानते थे। इन्होंने धेनुकासुर समेत कई राक्षसों का वध भी किया था। इनके जन्म की कथा भी काफी रोमांचक है। मान्यता है कि ये मां देवकी के सातवें गर्भ थे, चूंकि माँ देवकी की हर संतान पर कंस की कड़ी नजर थी इसलिये इनका बचना बहुत ही कठिन था,

देवकी जी के सातवें गर्भ के गिरने की खबर फैल गई लेकिन वास्तव में देवकी जी तथा वासुदेव जी के तप तथा भगवान विष्णु की कृपा से माँ देवकी का यह सप्तम गर्भ वासुदेव जी की पहली पत्नी रोहिणी जी के गर्भ में प्रत्यापित हो चुका था। लेकिन उनके लिये संकट यह था कि पति तो कैद में हैं फिर ये गर्भवती कैसे हुई लोग तो प्रश्न पूछेंगें, अतः लोक निंदा से बचने के लिये जन्म के तुरंत बाद ही बलराम जी को नंद बाबा के यहां पालने के लिये भेज दिया गया था। बलराम जी का विवाह रेवती जी के संग हुआ था।

आप सभी को परिवार सहित आदि शेषनाग अवतार, बल एवं शौर्य के प्रतीक श्री बलराम जी के जन्मोत्सव की मंगल कामनाएं!!! प्रसन्न रहें !! एक बार प्रेम से अवश्य कहें जय जय श्रीराधेकृष्णा, जय जय सियाराम!!! ईश्वर सदैव हमारे संग हैंआपका दिन मंगलमय हो



||Jai Baldau||Friends, Good morning_Greetings to the seniors_

Tuesday, September 5, 2023 Vikrami Samvat 2080, Saka Samvat 1945 Bhadrapada month Krishna Paksha Nakshatra: Bharani sixth date teacher’s Day Solution Sixth⛏️ birthday of shri balaram

feast churning

Today is the birth anniversary of Lord Vishnu’s ninth incarnation, Shri Balram, which is celebrated with pomp across the country, especially in Mathura, Gujarat. According to religious texts, it is believed that on this day Shri Adi Sheshnag was incarnated as the elder brother of Lord Shri Krishna in Dwapar Yuga. This festival is also known as Hal Shashti and Har Chhath. As it is believed that Balram ji’s main weapons are plow and pestle, due to which he is called Haldhar, in his name this festival is also called Hal Shashti. On this day, it is considered to be of special importance to eat food, vegetables, etc. that are produced from the earth without plowing.

Consumption of cow’s milk and curd is also considered prohibited on this day. Along with this, married women keep a fast to get children.

According to Hindu religion, it is believed that Lakshmana, the younger brother of Lord Shri Ram, was the incarnation of Sheshnag in Treta Yuga, similarly when Lord Vishnu appeared on earth in Shri Krishna avatar, Sheshnag also incarnated here as his elder brother. Sheshnag never lives without Lord Vishnu. On the day of Balram ji’s birth anniversary, fortunate women keep a fast with the wish of a strong son, and also pray to Lord Balaram to give them a son as bright as himself. Symbol of power, Balram ji is the elder brother of Lord Shri Krishna, whom Lord Shri Krishna affectionately called Dau, he was an obedient son, an ideal brother and an ideal husband.

It is believed. Lord Shri Krishna’s pastimes are so great and pleasing that very little attention goes towards Balarama. But Shri Krishna believed in him a lot. He also killed many demons including Dhenukasura. The story of his birth is also very exciting. It is believed that this was the seventh womb of Mother Devaki, since Kansa had a strict eye on every child of Mother Devaki, so it was very difficult for them to escape.

The news of the fall of the seventh womb of Devaki ji spread, but in fact, by the penance of Devaki ji and Vasudev ji and by the grace of Lord Vishnu, this seventh womb of Mother Devaki had been implanted in the womb of Rohini ji, the first wife of Vasudev ji. But the crisis for her was that her husband was in prison, then people would ask how she became pregnant, so to avoid public condemnation, immediately after birth, Balram was sent to Nand Baba’s place to be brought up. Balram ji was married to Revati ji.

Best wishes to all of you along with your family on the birth anniversary of Adi Sheshnag incarnation, the symbol of strength and bravery Shri Balram ji!!! Be happy!! Must say once with love Jai Jai Shriradhekrishna, Jai Jai Siyaram!!! God is always with us. Have a nice day

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