मुझे है काम ईश्वर से



मुझे है काम ईश्वर से,

जगत् रूठे तो रूठन दे।

बैठ सन्तन की संगत में,

करू कल्याण मै अपना ।

लोग दुनियां के भोगों में,

मौज लूटें तो लूटन दें।

मुझे है काम ईश्वर से,

जगत् रूठे तो रूठन दे।
कुटुम्ब परिवार सुत दारा,

माल धन लाज लोकन की।

संग संतों का करने से,

अगर छूटे तो छूटन दे।

मुझे है काम ईश्वर से,

जगत् रूठे तो रूठन दे।
हरि का नाम लेने की,

लगी मन में लगन मेरे ।

प्रीत दुनियां के लोगों से,

अगर टूटे तो टूटन दे ॥
मुझे है काम ईश्वर से,

जगत् रूठे तो रूठन दे।
मेरे सिर पाप की मटकी,

मेरे गुरुदेव ने झटकी ।

वो ब्रह्मानन्द ने पटकी,

अगर फूटे तो फूटन दे ॥

मुझे है काम ईश्वर से,

जगत् रूठे तो रूठन दे।

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