कौशल्या दशरथ के नन्दन,
राम ललाट पे शोभित चन्दन
रघुपति की जय बोले लक्ष्मण
राम सिया का हो अभिन्नदन
अंजनी पुत्र बैठे हैं चरणों में
राम सियाराम जय जय राम
मंगल भवन अ मंगल हारी
राम सियाराम सियाराम जय जय राम
मेरे तन मन धङकन में सियाराम राम है
मन मंदिर के दर्पण में सियाराम राम है
तुही सिया का राम, राधा का तूही श्याम
जन्मो जन्म का है ये साथ है
मीरा का तू भजन भजते हरि पावन तुलसी मे भी लिखी बात है
राम सिया की करूण कहानी एक है चन्दन एक है पानी राम सियाराम सियाराम जय जय राम
कौशल्या दशरथ के नन्दन
- Tags: दशरथ नंदन, राम ललाट तिलक
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