मेरे राम
सुबह-सुबह मन की भावनाओं में राम-लखन को लाकर ख्यालों में गोता लगाएं… कलरव सर-सर करती बहती सरयू के घाट पर स्नान पर आप स्नान कर रही है…. तत्पश्चात् अपने गीले वस्त्र समेटकर चल दी….,, पीछे से राजा दशरथ के महलों से निकल कर चारों भाई राम, लखन,भरत,शत्रुघ्न एवं अयोध्या के बाल सखाओं के साथ उसी तट पर स्नानादि के लिए आए और हंसी-ठिठोली के साथ स्नानादि कर लौट रहे है। आप अपनी हवेली की मुंडेर पर कपड़े सुखाने आई…..दूर से ही बालकों की टोली देखकर जिज्ञासा वस उस टोली की मनोहारी झांकी देखने को अपने झरोखे में खड़ी हो गई आती हुई टोली के बीच में “श्री राम ” की छवि एक अद्भभुत और अलौकिक स्वरूप के साथ खड़े नजर आ रहे हैं…. आंखें ठिठक गई…..ना भौंर का उजाला..ना अन्धेरा, श्यामला बदन… दोनो के मिश्रण में श्याम वरण ..घुंघराले बाल .. जिनकी लटें गुलाबी होंठों को चुमने को लालायित हो लाल होंठ ..गुलाबी गाल ..मंद-मंद मुस्कान ..हाथ में छोटा सा धनुष, तरसक…कमर मे पटका और सोने की करघनी लटक रही है, दोनों पांवों में पेजनिया, दोनों हाथों में कंगन पहने और उनके मोतियों पर सूर्य की किरणें अटखेलियां कर रही हो। ऐसा अद्भुत स्वरूप कि स्वयं कामदेव भी खींच जाए ..ऐसे रुप लावण्य में “श्रीराम” स्नान कर के आ रहे हो…..। अपलक निहार रही … झरोखे से आप देख रही हैं, राम-लखन को अपने नैनो बसाएं देखे ही जा रही है, उनके ठुमक-ठुमक चलते पांवों की पायल की मधुर ध्वनि कानों में रस घोल रही..और अचानक श्री राम ने अपने नयन कटाक्ष और मधुर मुस्कान से आप की तरफ एक तिरछी दृष्टि से देखा और….. और…. आप घायल से हो गई। एक अलौकिक सुख आप के नेत्रों में मंडरा रहा है। उसी भावावेगों में दौड़कर राम को अपनी बाहों में भर कर ऊपर ले आईं…..झूले लिटाकर….झूला रही है…गीत गाए जा रही है….राम झूलेंगे तो, पालना झुलाऊँगी, मीठे मीठे मैं,भजन सुनाऊँगी, मेरी जिंदगी के,सारे दुःख मिट जाएँगे, राम आएँगे, मेरी हवेली के भाग,आज जाग जाएंगे, राम आएँगे……तभी” अचानक आपकी सास आ गयी और आप के भावों को देखने लगी। आप को बहुत देर हो गयी राम को देखते हुए .. तब अंत मे आपकी सास ने आपको झिंझोड़ा ….. । ” बहूं ये क्या कर रही हो” मैं तुम्हें बहुत देर से देख रही हूं..तब आप एक असीम स्नेह में डुबी हुई अपने जल भरे नैत्रों से कह रही हो मां आप बहुत बदनसीब हो जो मुझे देख रही हो…देखने लायक़ तो बाहर खड़ा है….जो देखने के लायक़ है वो तो सांवला सलोना वो कोशल्या नन्दन है, जिसको एक पल देखने से ये नेत्र धन्य हो जाएं…वो श्री राम का स्वरूप ही अद्भुत, लावण्यमय, अलौकिक सुखदायक है…
बोलो जय श्री राम
my ram Bring Ram-Lakhan in your mind’s emotions early in the morning and dive into your thoughts… You are taking a bath on the ghat of the flowing Saryu, which is chirping… After that, she gathered her wet clothes and left…. Coming out of the palaces of King Dasharatha from behind, the four brothers Ram, Lakhan, Bharat, Shatrughan and the children of Ayodhya along with their friends came to the same bank for bathing and with laughter and laughter they took bath. Are returning. You came to dry the clothes on the parapet of your mansion… Seeing a group of children from a distance, curiosity and standing in her window to see the beautiful tableau of that group, the image of “Shri Ram” in the middle of the coming group was a wonderful and supernatural sight. Seen standing with Swaroop…. The eyes stopped… neither the light of the moon… nor the darkness, the brunette body… a mixture of both, the dark complexion… the curly hair… whose strands yearned to kiss the pink lips, the red lips… the pink cheeks… dim-dull. Smile…a small bow in her hand, a trident…a belt and a gold loom hanging from her waist, pageniya on both her feet, wearing bangles on both her hands and the sun’s rays playing on their beads. Such a wonderful form that even Kamadeva himself gets attracted… “Shri Ram” is coming after bathing in such beauty…. Apalak is looking at you… You are looking through the window, Ram-Lakhan are being seen sitting on their feet, the sweet sound of the anklets of their walking feet is pleasing to the ears… and suddenly Shri Ram looks sarcasm in his eyes. And looked at you obliquely with a sweet smile and….and…. You got injured. A supernatural happiness is hovering in your eyes. Running in the same emotions, she took Ram in her arms and brought him upstairs….making him lie down on the swing…she is swinging…songs are being sung…If Ram swings, I will swing the cradle, I will swing the cradle sweetly, I will sing hymns of my life, All the sorrows will disappear, Ram will come, part of my mansion, you will wake up today, Ram will come… Then suddenly your mother-in-law came and started looking at your expressions. It took you too long to look at Ram… then the end. Your mother-in-law shook you… “Daughter-in-law, what are you doing?” I have been watching you for a long time… Then you are immersed in immense love and are saying with your watery eyes, Mother, you are very unfortunate that You are looking at me… the one worth seeing is standing outside… the one worth seeing is that dark-skinned beauty, the Kosalya Nandan, whose eyes get blessed by seeing for a moment… the form of Shri Ram itself is amazing, beautiful, supernaturally soothing. Is… say jai shri ram