तेरी गलियों का हूं आशिक़,
मैं किधर जाऊंगा,
तेरा दीदार ना होगा,
तो मैं मर जाऊंगा,
छोड़ कर सारे ज़माने को,
हुआ हूं तेरा,
ताने मारेगा ज़माना,
मैं जिधर जाऊंगा।
तेरी गलियों का हूं आशिक़,
मैं किधर जाऊंगा,
गोविन्द गली तेरी,
उस दिन ही छूटेगी,
जिस दिन मेरी सांसों की,
ये डोरी टूटेगी,
गोविन्द गली तेरी,
उस दिन ही छूटेगी
पत्थर हूं मगर मेरी,
कीमत बढ जायेगी,
जिस रोज नज़र तेरी,
मुझ पे पड़ जायेगी,
कीमत बढ़ जायेगी,
मटकी तेरी करुणा की,
इक रोज तो फूटेगी,
गोविन्द गली तेरी,
उस दिन ही छूटेगी
तेरी गलियों का हूं आशिक़,
मैं किधर जाऊंगा,
जिन राहों से प्यारे,
तेरा आना जाना है,
मज़िल है वही मेरी,
वही मेरा ठिकाना है,
ये हक़ है मेरा मुझसे,
दुनियां क्या लुटेगी,
गोविन्द गली तेरी,
उस दिन ही छूटेगी
तेरी गलियों का हूं आशिक़,
मैं किधर जाऊंगा,
बस तुझको मनाना है,
तेरा हो जाना है,
दीदार तेरा प्यारे,
पाना है तो पाना है,
बस तुझको मनाना है,
परवाह नहीं दुनियां की,
मानेगी या रूठेगी,
गोविन्द गली तेरी,
उस दिन ही छूटेगी
तेरी गलियों का हूं आशिक़,
मैं किधर जाऊंगा,
मेरे श्याम गली तेरी,
उस दिन ही छूटेगी,
गोविन्द गली तेरी,
उस दिन ही छूटेगी,
जिस दिन मेरी सांसों की,
ये डोरी टूटेगी,
गोपाल गली तेरी,
तेरी गलियों का हूं आशिक़,
मैं किधर जाऊंगा,