ऋतु बसन्ती गूँजे रे कोयलिया
पहनूँ न प्रियतम आज पायलिया
हर घुंघरू ने तेरी याद दिलाई
बिरहन रोये………
बिरहन रोये आओ रे कन्हाई
प्रियतम काहे ना वंशी बजाई
साज सिंगार पिया बिन न भावे
आये न मोहन तेरी बाँवरी बुलावे
अब तो आन सुधि लीजो कन्हाई
बिरहन रोये…….
ऋतु बसन्त हाय रात पूनम की
बाँवरी बिरहन बैठी आँखें नम की
पल पल याद पिया तेरी आई
बिरहन रोये……..
एक अर्ज घनश्याम करूँ मैं
जीवन अपना तेरे नाम करूँ मैं
श्याम पिया तुमसे नेहा लगाई
बिरहन रोये आओ रे कन्हाई
प्रियतम काहे न वंशी बजाई
The season of spring echoes like coals Dear, should I wear paliya today? Every curl reminded me of you Berehan cried…..
Cry without tears, come O Kanhai Beloved, why didn’t I play Vanshi?
Saaj Singar Piya Bin Na Bhave Mohan should not come and call your sister-in-law. Now come to your mind Kanhai Birhan cried….
Ritu Basant Hi Raat Poonam Ki Banwari sat alone with moist eyes I remember you every moment Piya Berehan cried…..
I will make a request Ghanshyam I dedicate my life to you Shyam Piya met you Neha Cry without tears, come O Kanhai Beloved, why didn’t I play Vanshi?