राम मन भाएंगे, काम बन जाएंगे,
मेरी चाहत यही रघुनाथ से, प्रभु पास रहें,
मेरी गलतियां माना कम नहीं,
तेरी रहमतें भी तो कम नहीं ,
छोड़ दें हमें जो ऐसे तुम नहीं,
मेरी चाहत यही रघुनाथ से,
राम मन भाएंगे..
राघव हरी,रामा भी तू, कहती रहूं बस तूहीतू,
राजीव लोचन आजा ना तू,
मेरी चाहत यही रघुनाथ से.,
राम मन भाएंगे..
मुझे आसरा तेरे नाम का,
राघव मेरे., मैं राम का,
बिना प्रेम जीवन किस काम का,
मेरी चाहत यही रघुनाथ से ,
राम मन भाएंगे………
जल थल गगन , तेरा वास हो ,
तेरे दरस की , फिर भी प्यास हो,
आनंद मन की यही आस हो,
मेरी चाहत यही रघुनाथ से,
राम मन भाएंगे..
Bhajan By :::
(धुन – नाम गन जाएगा)
श्रधेय बलराम भाई उदासी
चकरभाठा, बिलासपुर छ. ग.
Ram will like his mind, work will be done,
This is my wish from Raghunath, Lord be near,
Consider my mistakes no less,
Your mercy is not less,
Leave us who you are not,
This is my wish from Raghunath,
Ram will like it..
Raghav Hari, Rama too you, keep saying just you,
Rajeev lochan aaja na tu,
This is my wish from Raghunath.
Ram will like it..
I hope for your name,
Raghav my., I am Ram’s,
What’s the use of life without love,
This is my wish from Raghunath,
Ram will love………
Water land sky, be your abode,
Still thirsty for you,
This is the hope of the happy mind,
This is my wish from Raghunath,
Ram will like it..
Bhajan By :::
(Tune – Naam Gun Jayega)
Respected Balaram Bhai Udasi
Chakarbhatha, Bilaspur