बड़ा आनंद आवे रे कन्हैया तेरे सत्संग में,
जो सत्संग में पहले आवे उसको सत्संग पूरा भावे,
वो तो मौज उड़ावे रे,कन्हैया तेरे सत्संग में,
बड़ा आनंद आवे रे कन्हैया तेरे सत्संग में
जो सत्संग में बीच में आवे उसको सत्संग आधा भावे,
वो तो हज़ारी लगावे रे ,कन्हैया तेरे सत्संग में,
बड़ा आनंद आवे रे कन्हैया तेरे सत्संग में
जो सत्संग में भात लगावे उसको सत्संग बिलकुल न भावे,
वो तो कौन चढ़ावे रे ,कन्हैया तेरे सत्संग में,
बड़ा आनंद आवे रे कन्हैया तेरे सत्संग में
जो सतसंग में चुगली गावे जल की मश्ली वो बन जावे,
वो तो तड़प तड़प मर जावे ,कन्हैया तेरे सत्संग में,
बड़ा आनंद आवे रे कन्हैया तेरे सत्संग में
जो सत्संग में ओरो को लावे,
उसको सत्संग की महिमा भावे,
वो तो परम् धाम में जावे ,कन्हैया तेरे सत्संग में,
बड़ा आनंद आवे रे कन्हैया तेरे सत्संग में
Bada Anand Ave Re Kanhaiya Tere Satsang Mein,
Whoever comes first in the satsang, may the satsang be complete.
Woh toh mauj udave re, Kanhaiya in your satsang,
Bada Anand Ave Re Kanhaiya Tere Satsang Mein
Those who come in the middle of the satsang should be half of the satsang,
Woh Toh Hazari Lagave Re, Kanhaiya in your satsang,
Bada Anand Ave Re Kanhaiya Tere Satsang Mein
Those who put rice in satsang should not feel satsang at all.
Who to offer, Kanhaiya in your satsang,
Bada Anand Ave Re Kanhaiya Tere Satsang Mein
Those who sip water in satsang become a mashli of water,
He should die in agony, Kanhaiya in your satsang,
Bada Anand Ave Re Kanhaiya Tere Satsang Mein
One who brings Oro to Satsang,
Let him know the glory of satsang,
He should go to the supreme abode, Kanhaiya in your satsang,
Bada Anand Ave Re Kanhaiya Tere Satsang Mein