मन को पढना

फुलो की महक सांसो में समा जाए मन भरा हुआ ही हंसता है खाली मन हंसा नहीं करता है । मन को पढते रहे मन को पढना सबसे बड़ी पुस्तक को पढना है।  खुशी के लिए हम सबकुछ करते हैं। एक पल खुश होते हैं फिर समझ नहीं आता है खुशी कहां बिखर गई। मै देखती हूं भौतिकता से घर भरे हुए हैं मन खाली और नीरस है। ऐसा क्यों है। मन को समय न देना ही मन का खाली पन है। आज हम अन्य को तो क्या अपने आप को भी समय नहीं देते हैं। इसलिए हमारे मनो पर निरसता की चादर पङी है। हम नीरसता की चादर को उतार दे। जीवन आपका है आप अपने मनमे कैसे विचार बनाते हैं।

मन को खुशीयों से अहसास से भरकर रखे। अहसास हमारे जीवन को महकाता है हमारे मन पर यदि अहसास ठहर जाते हैं अहसास कृतज्ञता से भरते हैं मन के भीतर प्रसन्नता लेकर आते हैं। हमारे पास अहसास जागृत करने के लिए समय नहीं है।हमारे घरों में आज बीस हजार पचास हजार की वस्तुएं लाख दो लाख की चार लाख की जवलरी एक मिनट में आ जाती है। सोचने का विषय है उन वस्तुओं से मन में भराव खुशी क्यों नहीं मिलती है हम मनमे खुशियों को बनाना प्रकट करना उनके विषय में बात करना भुल रहे हैं। हमे लगता है बस आ गया सब कुछ है। आना विशेष नहीं है उनको देखना मन बहलाना बार बार बाते करना मन में प्रसन्नता का अनुभव होना विशेष है। यह सब विचार हमारे मन को भर कर तो रखते ही है साथ में प्रेम प्रकट करते हैं साथी के साथ अटैचमेंट बना रहता है। छोटा सा ह्व़ा का झोंका हमे नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।हम हंसते हुए उस झोके को हवा मे उङा देते हैं हमारा मन positiveness से ओतप्रोत है। भरे हुए मन के ऊपर से निकल जाती है काली घटाए। खुशीयों से भरा  जीवन महकता है आज जीवन में किसी के पास सुख के साधनों की कमी नहीं है संतुलन की कमी है।

मन मे नीरसता हो उदासी हो तब मन से बात करे मन से पुछे जीवन में किस चीज़ की कमी है। अन्तर्मन से आवाज आयेगी किसी चीज़ की कमी तो नहीं है। फिर मन से पुछे मन क्या चाहता है कोन सी इच्छा पुरण नहीं हो रही है। तब अन्तर्मन से आवाज आयेगी आवश्यकता से अधिक साधन है मेरी इच्छा के अनुसार साथी करता है। फिर मन से पुछे साथी की तुम कितनी care करता, करती है तुम कितना काम कराते हो साथी से तब मन कहेगा काम तो सभी करते हैं फिर मन से पुछे फिर उदास क्यों है तब मन को कोई भी कारण दिखाई नहीं देता है। तब आप को समझ आता है यह सब निर्मुल विचार है जिससे मैं मन को शांत नही करता करती हूं।

मन को यह समझाना कि मेरे पास खुशियों से भरा आसमा है तब मन उदास नहीं होगा।

जीवन आपका है वर्ष मे मौसम सभी आते हैं ऐसे ही जीवन में परिस्थिति के परिवर्तन को हम समस्या न समझे जीवन में खुशियां समेट कर रखे।

भावनाओं का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। परिवार के सदस्यों के साथ हम किस भावना के साथ जुड़े हुए हैं हमे अपने मन से पढना होगा। हम अन्य के प्रति कैसे विचार बनाते हैं जैसे विचार बनाएंगे वैसा ही समय बन जाता है। भावना को पढ कर देखे मै अन्य मे हर समय कमी ही तो नहीं देखती हूं। उसमें तो कोई गुण ही नहीं है। मेरी तो चिन्ता ही नहीं है सबकुछ मै ही करू ये ऐसे विचार है हमारे भीतर की खुशी यों को छिन लेते हैं। यदि हमने इस विचार को तोड़ दिया। मै ऐसा विचार अपने मन में नहीं बनाऊँगी। एक दो दिन अपने मन से बात करे क्या मेरी भावना ठीक है तब मन कहेगा नहीं ठीक नहीं है। इस तरह के हमनें अनेक विचार मन में बना रखे होते हैं और जब भी मन को समय मिलता है। मन सोचने लगता है। इन सब विचारों को अपने मन से डीलीट कर दे आगे नया सवेरा है नई ऊर्जा शक्ति हमारा स्वागत करती है। दुख कोई नहीं देता है हमारे विचार हमारी सोच हमे तोड़ती है।

अधिक पढना अधिक TV or Mobile हमारे समय को जीवन की शान्ति को भंग करता है।

समय मोबाइल की भेंट चढ़ जाता है तब खुशी कंहा से पैदा हो। मन क्या सोच रहा है।
मन भरा हुआ है मन खाली है। हम जीवन yes के साथ जीते हैं या no के साथ ।यह सब हमे पढना आ जाता है। तब हम जल्दी से टुटेगें नहीं। मन उदास नहीं होगा क्योंकि हमारे मन में खुशी का स्त्रोत बङा है। हमारी विचार शक्ति  स्टरोग है हम छोटे झटकों की तरफ नजर नहीं उठाते है। हमारा मन स्टरोग होगा तब हम भयभीत नहीं होंगे । हमारा self confidence मन को बड़ा बनाता है जीवन में नीरसता का यंहा कोई काम नहीं। यंहा जीवन में खुशियो के फुल महकते है।

मन किस चीज से भरता है।मन जगत के किसी भी पदार्थ से भरने वाला नहीं है। मन अपने आप को खाली महसुस करता है। मन बाहर से प्राप्त करता है। मन प्राप्त करने के नये नये साधन ढुंढता है नयी योजनाएं 

बनाता है। 

 दिल क्या चाहता है।दिल प्रेम चाहता है। हम दिल को प्रेम से परिपूर्ण करना चाहते हैं

मनुष्य के अन्दर  खालीपन क्यों दिखाई देता है। मानव जीवन में कब किस प्रकार अपने मन और दिल मे भरा हुआ महसूस करता है। दिल प्रेम चाहता है। प्रेम कंहा है। प्रेम को प्राप्त करने के लिए अपने आप में खोने के लिए भक्ति मार्ग को पकड़ते है

हम जब यह सोचते हैं बस अब जीवन ऐसे ही बीतना है तब हम अपने आप पर समय दे इस विचार को मन से बाहर निकाल दे। यह एक भयानक विचार है। ऐसा विचार जब भी बने तब घर के सामान को देखे साथी ने रात दिन तुम पर लगाया है उनके किए हुए कार्य को मन मे पैदा करे  । बाहर हम कितने अच्छे से घुम कर आये कितना मजा आया था। 
पहले हम सोते थे तब एक घंटे दो घंटे नींद नहीं आती थी तब दिन भर के जीवन से सम्बन्धित विचार मन में बनते कभी खुशी महसूस करते कभी दुखी होते तब उन बातों पर बार बार सोचते तब दर्पण की तरह दिखाई देती कितनी गलती मेरी है और कितनी सामने वाले की। फिर खुश होते अफसोस करते फिर प्रेम प्रकट होता आज इतना समय कहाँ है कि समय परिस्थिति का गहन अध्ययन करे। अन्य कोई नहीं होता था।

नजर अपने पर रखते तब दोनों बन जाते हैं अपने पर नजर से तात्पर्य है अपने में भी गलती है।

रिलेशन में भय को पैदा न होने दें। भय में छोटी सी घटना बङी दिखती है।


समय हमारा सबसे अच्छा साथी है। कर्म  हमारे भीतर खुशियों को पैदा करने का साधन है देखे मन छोटी घटना को बङी तो नहीं बना रहा है। मन को रोक दे। मन के हारे हार है मन के जीते जीत है।
आवश्यकता से अधिक सुख ही मन को दुखी करते हैं

हम सब कर्म से  एक दूसरे से जुड़े हुए हैं एक व्यक्ति के घर में उत्सव होता है तब सभी के मन में खुशी की लहर आ जाती है। ऐसे ही एक व्यक्ति परेशान हैं। तब मन से सभी परेशानी महसूस करते हैं लेकिन बोल नहीं पाते हैं। हम अपने जीवन से आजाद नहीं है क्योंकि हमारे जीवन के लिए अनजाने में अनेक व्यक्ति कार्य कर रहे होते हैं। हम दिन भर में अपने नीजी जीवन में सुबह से शाम तक अनेक वस्तुओं का युज करते हैं उन सबके लिए अनेक व्यक्तिओं ने खुन पसीना बहाया है तब हमारा जीवन चलता है। तब हम अपने जीवन के हम मालिक कैसे हुए । मै सुबह उठती हूं और सोचती हूँ। देख दिन भर खाने पीने रहने के लिए तु अनेक सामान युज करती है। कभी तुने सोचा तेरे पास जो जल आया है उस जल को तेरे पास आने के लिए किस किस ने मेहनत की है तु तो धन्यवाद भी नहीं करती है और अन्य सामान बिजली, पानी, खाने के सामान मे किस किस ने मेहनत की होगी तब मेरी आंखों से आंसू बहने लगते हैं। मै सोचती हू तुने पृथ्वी पर आकर किसी का भी भला नहीं कर पायी। तु मिट्टी की धुल के समान भी नहीं है।

जय श्री राम अनीता गर्ग

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *