गुरु जी कब से खड़े है तेरे द्वार

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मेरी अर्ज सुन लो गरीब निवार,
गुरु जी कब से खड़े है तेरे द्वार,

तुम बिन सावन की अखियां बरसी तेरे दर्श को हर पल तरसे,
मेरी अर्ज सुन लो गरीब निवार,
गुरु जी कब से खड़े है तेरे द्वार,

बिना तेल के मैं जल रहा है हु,
तेरी किरपा से मैं पल रहा हु,
मेरी अर्ज सुन लो गरीब निवार,
गुरु जी कब से खड़े है तेरे द्वार,

पाप की गठरी बहुत है भारी,
सब की नाइयाँ तूम ने है तारी,
मेरी अर्ज सुन लो गरीब निवार,
गुरु जी कब से खड़े है तेरे द्वार,

Hear my request, poor family,
Since when is Guru ji standing at your door,

Tum bin Sawan ki akhiyan rained every moment,
Hear my request, poor family,
Since when is Guru ji standing at your door,

I’m burning without oil
I am growing by your grace,
Hear my request, poor family,
Since when is Guru ji standing at your door,

The bundle of sin is too heavy,
Like everyone else, you have tari,
Hear my request, poor family,
Since when is Guru ji standing at your door,

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