कैसी मुरलीया बजाई रे,
छलिया मनमोहन ,
में तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे,
काहे को ऐसी मुरली बजाये,
मेरे मन को चेन ना आये,
नँदलाला औ कन्हैया ……
भूल गई में सब काम अपना ,
आई में घर से करके बहाना,
छलिया मनमोहन ,
में तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे,
सारी सखियाँ मारे है ताने,
तुम तो अपनी धुन में दीवाने,
नँदलाला औ कन्हैया ……
मेरे घर पर मेरा सजन है,
लेकिन मेरा तुझपे ही मन है,
छलिया मनमोहन ,
में तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे,
पनघट पर मेरी बय्या मरोडी,
मैं जो बोली मेरी मटकी ही फोड़ी,
मुझको कन्हैया,
मिल जायेगा जिस दिन,
छिन लूँगी मुरली में उस दिन,
छलिया मनमोहन ,
में तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे,
चल के पनघट पे,
तलक प्यार की दो बात करे ,
जल भरने के बहाने से मुलाकात करे,
छेड़ खानी ना करो नार नवेली हूँ में,
सर पे गागर है और अकेली हूँ मैं
How murliya played re,
Chalia Manmohan,
I ran.
Why should you play such a murli?
Chains don’t come to my mind,
Nandlala and Kanhaiya……
I forgot all my work,
I pretend to do it from home,
Chalia Manmohan,
I ran.
All friends have killed taunts,
You are crazy about your tune,
Nandlala and Kanhaiya……
I have my son at my house,
But I have my mind on you,
Chalia Manmohan,
I ran.
My daughter was tormented at the waterfall,
Whatever I said, my pot was broken,
Kanhaiya to me
The day you will get
I will snatch the murli that day,
Chalia Manmohan,
I ran.
Let’s walk on the rain,
Let’s talk about love,
Meet on the pretext of filling water,
Don’t tease me, I am new.
Sir pe gagar hai and i am alone