मेरे सतगुरु आ जाओ,
अखियाँ तरस रहियां आके दर्श दिखा जाओ,
सत्संग विच आ जाओ,
भूले होये लोक नु सच्चा रस्ता दिखा जाओ,
गंगा प्रेम दी वग दी ऐ,
मेरे साहिब दी वाणी अमृत लगदी ऐ,
सदा ठंडी ठंडी छा वेला,
मेरे साहिब जी मेनू चरना च था देना,
पंशी उड़ उड़ गाउंदे ने,
दर्शन कर गुरा दे सब दुःख मिट जांदे ने,
रोम रोम च समाये होये ने,
अज मेरे साहिब जी सत्संग विच आये होये ने
Mere Satguru Aa Jaao,
Akhiyan Tars Rahiyan Aake Darsh Dikha Jao,
Come to the satsang,
Show the forgotten people the true path,
Ganga Prem Di Wag Di Aye,
Mere Sahib Di Vani Amrit Lagdi Aye,
Always cold cold weather,
Mere Sahib Ji Menu Charna Ch Tha Dena,
Panshi ud ud gaunde ne,
Darshan kar Guru de sab dukh mit jaande ne,
Rome is contained in Rome,
Today my Sahib Ji has come to Satsang