जो कुछ भी हु यहाँ भी हु प्रभु आप की किरपा है,
गुण गान जितना भी करू थकती नहीं जुबान है,
जो कुछ भी हु यहाँ भी हु प्रभु आप की किरपा है
सोचा नहीं था वो मिला मुझे आप के ही दर से,
सिका ये खोटा चल गया प्रभु आप के असर से,
रहता है सिर मेरा प्रभु हर पल झुका झुका है,
जो कुछ भी हु यहाँ भी हु प्रभु आप की किरपा है
जितनी निभाई आप ने कैसे निभा सकूगा मैं,
एहसान आप का प्रभु कैसे चूका सकूगा मैं,
नौकर के सिर से मालिक का क्या कर्जा कभी चूका है,
जो कुछ भी हु यहाँ भी हु प्रभु आप की किरपा है
तेरी किरपा के बिन प्रभु कुछ न मिले जहां में,
मर्जी बिना तेरे प्रभु न पता हिले यहाँ पे,
होता वही जो आप ने तकदीर में लिखा है,
जो कुछ भी हु यहाँ भी हु प्रभु आप की किरपा है
रहते है जो भी मालिक की रोमी रजा में राजी,
कभी हारते नहीं है वो जीवन को कोई बाजी,
प्रभु प्रेमियों का आप के कोई काम ना रुका है,
जो कुछ भी हु यहाँ भी हु प्रभु आप की किरपा है
Whatever I am here also I am your blessings,
No matter how much I do to sing the praises, the tongue does not get tired,
Whatever I am here also I am your blessings
I didn’t think that I got that at your own rate,
Sika this has gone wrong, Lord because of your influence,
The head my lord is bowed every moment,
Whatever I am here also I am your blessings
How can I play as much as you did?
How can I miss your Lord’s favor,
Has the master’s debt ever been repaid from the servant’s head?
Whatever I am here also I am your blessings
Without your grace the Lord could not find anything,
Without your will, your lord does not know here to move,
That would have been what you have written in your destiny,
Whatever I am here also I am your blessings
Whoever lives in the Roman king of the master,
He never loses,
None of your work of Lord lovers has stopped,
Whatever I am here also I am your blessings