जय हो जय हो आदिनाथ
जिनेंद्रदेव आदिनाथ
प्रथम तीर्थेश आदिनाथ
देवाधिदेव आदिनाथ
तेरी भक्ति के बिना
जिनेंद्र देव आदिनाथ
हो न पाए साधना
देवाधिदेव आदिनाथ
मेरे कर्म तुम ही जानो
तुमसे क्या छुपा भला
करके भावना विशुद्ध
भक्ति करने को चला
तेरी भक्ति की, शक्ति से
मुझको ये नया जनम मिला
णमो णमो जय आदिनाथ
जिनेन्द्रदेव आदिनाथ
है त्रिलोकनाथ जिन
जिनेश्वरा है आदिनाथ
आदि अनादि काल से
जैन धर्म था सदा
ये जग रहे या न रहे
रहेगी इसकी मान्यता
क्या ये तन, क्या ये मन
आओ कर ले शुद्ध आत्मा
देवाधिदेव आदिनाथ
जिनेंद्रदेव आदिनाथ
देवाधिदेव आदिनाथ
जिनेंद्रदेव आदिनाथ
जिस किसी ने की प्रभु
देवाधिदेव आदिनाथ
जिनभक्ति और साधना
जिनेंद्रदेव आदिनाथ
उसको ही मिली सदा
देवाधिदेव आदिनाथ
चेतन्य दिव्य आत्मा
जिनेंद्रदेव आदिनाथ
मुझे भरम था जो है मेरा
था कभी नही मेरा
लगा रहा में पापों में
सुध न ली कभी जरा
तेरे दर पे में तो आ गया
करने अब तो कर्म निर्झरा
णमो णमो जय आदिनाथ
जिनेन्द्र देव आदिनाथ
है त्रिलोकनाथ जिन
जिनेश्वरा है आदिनाथ
नीलांजना की मृत्यु से
वैराग्य आपको हुआ
आपने जो कि प्रभु
हजारों वर्ष साधना
पाया मोक्ष आपने
धन्य कैलाश की धरा
जिस किसी ने की प्रभु…………..
Jai Ho Jai Ho Adinath
Jinendradev Adinath
first tirthesh adinath
Devadhidev Adinath
without your devotion
Jinendra Dev Adinath
may not be sadhna
Devadhidev Adinath
only you know my deeds
what is hidden from you
by feeling pure
went to worship
By your devotion, by the power
i got this new birth
Namo Namo Jai Adinath
Jinendradev Adinath
is triloknath gin
Jineshwara is Adinath
from time immemorial
Jainism was always
whether they live or not
will be recognized
Is this body, is this mind
let’s get pure soul
Devadhidev Adinath
Jinendradev Adinath
Devadhidev Adinath
Jinendradev Adinath
whoever did lord
Devadhidev Adinath
devotion and meditation
Jinendradev Adinath
he always got
Devadhidev Adinath
conscious divine soul
Jinendradev Adinath
I was proud of what is mine
was never mine
putting in sins
never cared
I have come at your rate
to do now karma nirjhara
Namo Namo Jai Adinath
Jinendra Dev Adinath
is triloknath gin
Jineshwara is Adinath
Nilanjana’s death
mortification happened to you
you that lord
thousands of years of practice
you found salvation
Blessed land of Kailash
Whoever did the Lord…………..