साईं नाथ मैं आया तेरे दर पे मेरी नैया पार लगा दे,
अब तू ही एक सहारा मैं छोड तुझे कहा जाऊ,
साईं नाथ मैं आया तेरे दर पे
जो भी तेरे दर पर आया तूने सदा उसे अपना बनाया,
भगतो ने जब जब तुझको पुकारा तूने उन्हें विपदा से उभारा,
जाये न कोई खाली हाथ,
साईं नाथ मैं आया तेरे दर पे
मैं हु मुख और अज्ञानी इस जीवन की महिमा ना जानी,
धन दोलत यश के लालच में सारा जीवन मूल गवाया,
करते किरपा साईं नाथ ,
साईं नाथ मैं आया तेरे दर पे
Sai Nath I came, put my boat across your door,
Now you are the only one, I leave you to be called,
Sai Nath I came at your door
Whoever came at your rate, you always made him yours,
When the gods called upon you, you raised them from calamity,
Don’t go empty handed
Sai Nath I came at your door
I am the face and the ignorant do not know the glory of this life,
Wasted his whole life in the greed of wealth and fame,
Kirpa Sai Nath doing
Sai Nath I came at your door