पर्वत से उतर कर मा मेरे घर आ जाना,
मैं भी भगत तेरा मेरा मान बड़ा जाना,
मैया तेरे बेटे को तेरा ही सहारा है
जब जब कष्ट पड़ा मैंने तुम्हे ही पुकारा है …
अब देर करो न मैया दौड़ी दौड़ी आ जाना
पर्वत से उत्तर कर माँ मेरे घर आ जाना,
पर्वत से उतर कर माँ …
न सेवा तेरी जानू न पूजा तेरी जानू
मैं तो हूँ अज्ञानी तेरी महिमा न जानू
मैं लाल तू मैया मेरी बस इतना ही जाना
पर्वत से उत्तर कर माँ मेरे घर आ जाना
पर्वत से उतर कर माँ …
जब आओगी घर माँ मैं चरण पखारूँगा
करुणा की धूल तेरी मैं माथे से लगाऊंगा
मैं चरणों में शीश राखु तुम हाथ बढ़ जाना
पर्वत से उत्तर कर माँ मेरे घर आ जाना
पर्वत से उतर कर माँ …
मैं रहता हूँ हर पल बस तेरे ही आभार
ये मांग रहा है विशाल बस थोड़ा सा प्यार
माँ अपने महेश को तू आ राह दिखा जाना
पर्वत से उत्तर कर माँ मेरे घर आ जाना
पर्वत से उतर कर माँ …
Come down from the mountain and come to my house,
I am also a bhagat, my respect for you will increase,
Maya your son is your only support
Whenever there is trouble, I have called you only…
Don’t delay now, Maya ran and ran
Mother come to my house after answering from the mountain,
Mother coming down from the mountain…
Neither service teri jaanu nor worship teri jaanu
I am ignorant don’t know your glory
I am Lal Tu Maiya my only go to this
mother come to my house by answering from the mountain
Mother coming down from the mountain…
When mother will come home, I will clean my feet
I will apply the dust of compassion to your forehead
I will put your hands on your feet
mother come to my house by answering from the mountain
Mother coming down from the mountain…
I live every moment only thanks to you
Vishal is asking for just a little love
Mother show your way to Mahesh
mother come to my house by answering from the mountain
Mother coming down from the mountain…