कन्हियाँ प्यारे से नन्द के दुलारे से खेलेगे होली हम तो आज,
के बच नहीं पायेगा छुप के कहा जाएगा खेलेंगे होली हम आज
रंग बिरंगी देखो होली की रुत है आई,
राधा के संग में तो सखियों की टोली आई,
रंग भरे हाथ है भर पिचकारियां,
कन्हियाँ प्यारे से नन्द के दुलारे से खेलेगे होली हम तो आज,
ग्वाल बाल भी सोचे सखियाँ को मजा चिखाये,
इनको ही रंग देंगे जब ये रंगे को आये,
रंगना भूल जायेगी ऐसा करे गे हाल,
कन्हियाँ प्यारे से नन्द के दुलारे से खेलेगे होली हम तो आज,
कान्हा से मिलना है होरी का तो बहाना है,
राधा को तो केवल कान्हा का दर्शन पाना,
आ जायो मोहना और नहीं तरसा,
कन्हियाँ प्यारे से नन्द के दुलारे से खेलेगे होली हम तो आज,
सुन बाते राधा की कान्हा भी दौड़े आये,
प्रेम रंगी राधा को को मन मोहन गले लगाए,
हम दोनों इक है इक हमारा नाम,
कन्हियाँ प्यारे से नन्द के दुलारे से खेलेगे होली हम तो आज,
Today we will play Holi with the caress of Nand’s beloved.
We will not be able to escape, will be told that we will play Holi today
Look colorful, Holi is the root of Holi,
In the company of Radha, a group of friends came.
Colorful hands are full of pitchforks,
Today we will play Holi with the caress of Nand’s beloved.
Even the cowherd child thinks, show fun to the friends,
Will paint them only when they come to color,
Will forget to paint
Today we will play Holi with the caress of Nand’s beloved.
Hori has an excuse to meet Kanha.
Radha got only Kanha’s darshan,
Come, Mohana, no more longing,
Today we will play Holi with the caress of Nand’s beloved.
Hearing this, Radha’s ear also came running,
Love colored Radha to be hugged by Man Mohan,
We both are the same, our name,
Today we will play Holi with the caress of Nand’s beloved.