भगवान् देख तुमने मुझे बना कर पृथ्वी पर भेजा। तुमने मुझे एक ही दिल दिया, दिल में या तो संसार बसता है या भगवान। अनेक सम्बन्धो को प्राणी दिल में बिठाकर प्रेम से रहना चाहता है। जब कोई भी दिल में नहीं बैठता। तब प्राणी को किसी भी तरह से चैन नहीं मिलता। दिल में तङफ बढ़ जाती है। शान्ति मिले तो कैसे मिले। धीरे धीरे वह भगवान से प्रार्थना करने लगता है। कोई अपना पास दिखाई नहीं दिया तो भगवान् से बात करने लग जाता है। और दिल के अन्दर भगवान को बिठा लेता है। भगवान् के दिल में आने पर प्राणी भावनात्मक रुप से परिवार से अटैच हो जाता है। परिवार में भगवान् को देखता है। भगवान् प्राणी को कभी अकेला महसूस होने नहीं देता हरपल साथ रहता है। एक दिन प्राणी भगवान से बात करते हुए कहता है कि भगवान् देख मेरे पास तो एक ही दिल था वो मैंने तुम्हें दे दिया मेरा तो रख रखाव अब तुम्हारे ही जिम्मे है। भगवान् तुम्हारे जो जी में आये करो।भगवान् जी तुम हनुमान जी का रूप धारण कर आए तो मैंने गुरु मान कर तुम्हारे चरणों में शिश नवाया। भगवान् जी तुम मेरे पास राम रुप में आये तो मैने नतमस्तक होकर तुम्हारे राम रूप को भगवान् समझ कर पुजा की। तुम कृष्ण बनकर आये तो कृष्ण जी ही भगवान् है। ऐसा मान कर ही तुम्हे नमन और वन्दन किया।भगवान् जी तुम कितने ही रूप धरो तुम एक ही हो। मेरा ध्यान रुप की तरफ गया ही नहीं मै तो मदमस्त मेरा स्वामी भगवान् नाथ देख रहा है और हरपल मेरे साथ है। मै तो यह सोच कर तुम मे डुबकी लगाती रही। क्योंकि अब मैं तो मैं रही ही नहीं। इस दिल में तु ही तु है।भगवान् तुँ चाहे कितनी ही परीक्षा लेना पर साथ नहीं छोड़ना। भगवान् जी परमात्मा जी अब मेरी रक्षा तो तुम्हारे हाथों में है। तुही मेरा परम पिता परमात्मा है।
अनीता गर्ग
Seeing God, you made me and sent me to earth. You gave me only one heart, in the heart either the world resides or God. Keeping many relationships in the heart, the creature wants to live with love. When no one sits in the heart. Then the creature does not find peace in any way. There is an increase in the heart. How can you find peace? Slowly he starts praying to God. If someone does not see his pass, then he starts talking to God. And takes God inside the heart. On coming into the heart of the Lord, the creature becomes emotionally attached to the family. He sees God in the family. God never allows the creature to feel alone, he is always with you. One day, while talking to God, the creature says that seeing God, I had only one heart, I gave it to you, and now it is your responsibility to take care of me. May the Lord come in your ji. Lord ji, you came in the form of Hanuman ji, so I got my child placed at your feet as my guru. Lord, when you came to me in the form of Ram, I bowed down and worshiped your form of Ram considering it to be God. If you come as Krishna, then Krishna is God. I bowed down and bowed down to you. My attention has not gone towards the form, so my lord Bhagwan Nath is looking at me in a drunken state and is always with me. Thinking of this, I kept taking a dip in you. Because now I am no more. You are the only one in this heart. God, no matter how many tests you take, but do not leave your company. Lord, God, now my protection is in your hands. You are my Supreme Father, the Supreme Soul. Anita Garg