मेरा शांत हो गया चंचल मनवा जब से देखा है साई नाथ का जलवा,
दीखते ये फ़कीर है अंत अर्ब जागीर है,
मांगो चाहे दिल जो तुम्हारा ऐसे ये अमीर है,
कभी मैं बांटू खिचड़ी पूरी और बांटू मैं हलवा,
जब से देखा है साई नाथ का जलवा,
शिरडी में इनका डेरा है पुरे जगत में फेरा है,
भक्तो को देते है सहारा प्यार अनोखा गहरा है,
नीम की पत्ती मीठी लागे कभी लगे न कड़वा,
जब से देखा है साई नाथ का जलवा,
शिरडी में आना जाना है मुझे कहते साई दीवाना है,
बादशाह भी झुकते यहाँ पे झुकता सारा जमाना है,
और बाबा का मैं हुआ और बाबा मेरा हुआ,
जब से देखा है साई नाथ का जलवा,
I have calmed down, since then I have seen the flame of Sai Nath,
Looks like this is a fakir, the end is Arab manor,
Ask whether your heart is rich like this,
Sometimes I distribute Khichdi Puri and I distribute Halwa,
Ever since I have seen the glory of Sai Nath,
His camp is in Shirdi, has traveled all over the world,
Support is given to the devotees, the love is uniquely deep,
Neem leaves never feel sweet or bitter,
Ever since I have seen the glory of Sai Nath,
I have to come to Shirdi and say I am crazy about Sai.
Even the emperor is bowing down here, the whole world is bowing down,
And Baba became me and Baba became mine,
Ever since I have seen the glory of Sai Nath,