हो गया हैरान देख कर शिर्डी में नजारा,
एक फ़कीर से मांग रहा है भीख ज़माना सारा,
बाँट रहा जागीरे जग को इक बेघर बनजारा,
वो बंधा नही किसी मजहब से उसका तो रिश्ता है सब से,
मांगे वो दुआये सब के लिए जब बाते करता है रब से,
अपनी छड़ी से लिख देता है वो तकदीर दोबारा,
बाँट रहा जागीरे जग को इक बेघर बनजारा,
जादू है उसकी बोली में सब कुछ है उसकी झोली में,
सुख दुःख की आँख मचोली में वो शामिल है हर टोली में,
जिस जिल्वे को हाथ लगाये वो बन जाए सितारा,
बाँट रहा जागीरे जग को इक बेघर बनजारा,
निर्धन को बनाता है जो धनि सनी की बिगड़ी वाही बनी,
मैं भी जा लगा कतारों में जिस चोकठ पर थी बीड लगी,
मेरा नसीबा जाग गया है जब तेरा नाम पुकारा,
बाँट रहा जागीरे जग को इक बेघर बनजारा,
Surprised to see the sight in Shirdi,
The whole world is begging from a fakir,
A homeless banjara is distributing the Jagir world,
He is not tied to any religion, he is related to everyone,
Ask for the blessings when he talks to the Lord,
With his stick, he writes his fate again,
A homeless banjara is distributing the Jagir world,
There is magic in his speech, everything is in his pocket,
He is included in every group in the eyes of happiness and sorrow.
The district that he touches becomes a star,
A homeless banjara is distributing the Jagir world,
Who makes the poor become the spoiled praise of the rich Sunny,
I also started going in the queues on which the bead was on,
My luck has woken up when your name is called,
A homeless banjara is distributing the Jagir world,