ए री मलनिया हार बना दे संतोषी माँ के लाने,
द्वारे जाना है मुझको दुखड़े सुनना है मुझको मैया जी के द्वारे,
ए री मलनिया हार बना दे संतोषी माँ के लाने
ए री मलनिया हारो में लगाना चम्पा और चमेली,
रात की रानी और मोगरा मैं गुलाब की खुशबु अलबेली,
प्रेम के धागे से तू इनको तू बाँध दे मैया के नाने,
चूड़ी बिंदी और मांग के टिके से मैया जी को सजाने,
ए री मलनिया हार बना दे संतोषी माँ के लाने
पोहंच के मैं तो माई धाम अपना हाल सुनाऊ ,
हार गले में डाल के भवानी अखियो से नीर भहाऊ,
माई संतोशी माँ के बेठ के संन मुख माँ को दुखड़े बताने,
हाथ जोड़ के मन ही मन में दिल का हाल सुनाने,
ए री मलनिया हार बना दे संतोषी माँ के लाने
eri malniya necklace banna de santoshi maa ke lana,
I have to go through my sorrows, I have to hear through Maya ji,
Eri Malniya Haar Banana De Santoshi Maa Ke Lane
Lagna Champa and Jasmine in Eri Malniya Haro,
The queen of the night and the fragrance of roses in Mogra Albeli,
Maya’s maternal grandfather, you tie them with the thread of love,
Decorate Maiya ji with bangle bindi and maang ki tika,
Eri Malniya Haar Banana De Santoshi Maa Ke Lane
When I reach my place, I will tell my condition,
By putting the necklace around the neck, Bhavani Akhiyo to Neer Bhau,
In the face of mother Santoshi mother’s face to tell the sorrows,
To narrate the condition of the heart in the heart with folded hands,
Eri Malniya Haar Banana De Santoshi Maa Ke Lane