काली घटाए हम को सताये,
बदल ते ये मौसम बाबा पलके झुकाये,
काली घटाए हम को सताये,
छाए अँधेरा तो तेरा ही सहरा,
कितनो की बदली किस्मत जो भी आया हारा,
दिल के ये अरमान मचले मन राग गाये,
काली घटाए हम को सताये,
दूर निगाहें तुमसे खड़ा मैं निहारु,
सोच में डूबा श्याम कैसे अब पुकारू,
तू ही बना दे हिमत नजर मिलाये
काली घटाए हम को सताये,
लौटादो तुम मेरी खुशिया वो सारी,
झोली फैलाये खड़ा खाली जो हमारी,
समय की ये चल ऐसी मान भी जाए,
काली घटाए हम को सताये,
चौखठ पे तेरी श्याम भुला न रस्ते,
अंजानो में क्या तुम नहीं वसते,
सजने मिटा दे अँधेरे सदा मुस्कुराये,
काली घटाए हम को सताये,
Let the black oppress us,
When this weather changed, Baba bowed his eyes,
Let the black oppress us,
The darkness is your only support,
The fate of how many changed, whoever came lost,
These heartfelt desires are sung in the heart,
Let the black oppress us,
far away I see you standing,
Shyam immersed in thought, how can I call now,
You only make me dare to see
Let the black oppress us,
You return my happiness all that,
Spread the bag that stands empty,
This passage of time should be considered as such,
Let the black oppress us,
Don’t forget your shyam on the doorstep,
Don’t you live in the unknown,
May the darkness always smile,
Let the black oppress us,