शरधा से तेरी शरण में आया,
दूर करो अंधियारे पुजू मैं चरण तुम्हरे,
तेरे पाओ की धूल का बाबा माथे तिलक लगाउ साई.
तेरे सुमिरन में ही दाता मैं सच्चा सुख पाउ,
नाम का तेरे बना दीवाना भाये न जग के नजारे,
पुजू मैं चरण तुम्हरे,
पावन जग में धाम तुम्हारा ऊंची शान तुम्हारी,
खुशियों के नित लगते मेले झुकती दुनिया सारी
भोला भाला रूप तुम्हरा तेरे खेल नियारे,
पुजू मैं चरण तुम्हरे,
दीं दुखी जब तुम्हे पुकारे आके कष्ट मिटाते साई,
भगतो की सुन के फर्यादे साई दौड़े आते ,
हर इक कण में वास तुम्हरा रूप अनेको धारे,
पुजू मैं चरण तुम्हरे,
केवल पे बी करदो किरपा नित तेरे गुण गाये साई ,
छोड़ के इन चरणों को बाबा किस दर अलख जगाये,
दामन में मेरे खुशिया भर दो लाखो भव से तारे,
पुजू मैं चरण तुम्हरे,
Came to your refuge from Sharadha,
Take away the darkness Puju main feet of you,
Put tilak on the forehead of your pao ki dust.
Giver I can find true happiness only in your Sumiran,
Naam ka tere bana deewana bhaye na jag ke nazare,
Puju Main Charan You,
Your abode in the pure world, your high pride,
The whole world bowing to the fair seems like happiness
Bhola Bhala Roop Tumhra Tere Khel Niare,
Puju Main Charan You,
I am sad when Sai comes to you and removes the troubles,
After listening to the devotees, Sai would come running,
Your form resides in every single particle.
Puju Main Charan You,
Keval pe bi kardo kirpa nit tere guna gaye sai,
At what rate did Baba wake you up by leaving these feet?
Fill my happiness with two lakhs of stars in my arms,
Puju Main Charan You,