मेरे बाबा की ज्योत जहाँ भी जले,
हर जगह पे खाटू जैसी मस्ती मिले,
बैठता संवारा सज के दरबार में,
ना कमी कोई करता है ये प्यार में ,
खासियत यही है श्याम सरकार में ,
नाम से श्याम के काम होते भले,
हर जगह पे खाटू जैसी मस्ती मिले,
मेरे बाबा की ज्योत जहाँ भी जले,
मीठे भजनो की बेहती स्वर लहरियां,
जम के होता है कीर्तन भजे तालियां,
खाटू वाले की है ये मेहरबानियां,
रखता है संवारा अपनी किरपा तले,
हर जगह पे खाटू जैसी मस्ती मिले,
मेरे बाबा की ज्योत जहाँ भी जले,
अपनी दीवानगी का चढ़ाता है रंग,
अच्छे अच्छे को पल में बनाता मलंग,
ये नचाता है खुद नाचता संग संग,
दौर मस्ती का कुंदन वहा जब चले,
हर जगह पे खाटू जैसी मस्ती मिले,
मेरे बाबा की ज्योत जहाँ भी जले,
Wherever my Baba’s flame burns,
Have fun like khatu everywhere,
Sits in the court of adornment,
No one lacks this in love,
This is the specialty of Shyam Sarkar.
Even if Shyam’s work would have been done by name,
Have fun like khatu everywhere,
Wherever my Baba’s flame burns,
The sound waves of sweet hymns,
There is a lot of kirtans and applause,
These are the kindnesses of Khatu Wale,
Keeps it groomed under its own mirpa,
Have fun like khatu everywhere,
Wherever my Baba’s flame burns,
Offers the color of your passion,
Malang makes good in a moment,
He dances, dances with himself,
When the Kundan of round fun goes there,
Have fun like khatu everywhere,
Wherever my Baba’s flame burns,