ज़रा चल के वृंदावन में देखो,
कान्हा बंसी बजाते मिलेंगे.
झूला झूल रही होंगी राधा प्यारी,
श्याम झूला झुलाते मिलेंगे.
ज़रा चल के वृंदावन में देखो…..
कभी रूठ गयी होंगी राधा प्यारी,
मेरे मोहन मनाते मिलेंगे,
ज़रा चल के वृंदावन में देखो…..
माँ यशोदा के व्याकुल अधर भी,
कान्हा कान्हा बुलाते मिलेंगे.
ज़रा चल के वृंदावन में देखो…….
Just go and look in Vrindavan,
Will meet Kanha playing the flute.
Radha will be swinging on the swing,
Shyam will meet swinging.
Just go and look in Vrindavan…..
Sometimes Radha must have become angry,
Will meet my Mohan celebrating,
Just go and look in Vrindavan…..
Even the distraught limbs of Mother Yashoda,
Kanha will meet calling Kanha.
Just go and look in Vrindavan.