सूरत की बलिहारी मेरे आंबे भवानी,
पहले पहर मैया ऐसे लगत है,
जैसे कन्याँ कुमारी मेरी आंबे भवानी,
दूसरे पहर मियां ऐसे लगत है जैसे सुहागन नारी,
मेरी आंबे भवानी,
सूरत की बलिहारी मेरे आंबे भवानी,
तीसरे पहर मैया ऐसी लगत है जैसे दुल्हन प्यारी,
मेरी आंबे भवानी,
सूरत की बलिहारी मेरे आंबे भवानी,
चौथे पहर मैया ऐसी लगत है जैसे बूढी मेहतारी,
मेरी आंबे भवानी,
सूरत की बलिहारी मेरे आंबे भवानी,
पचवें पहर मियां ऐसी लगत है जैसे शेरावाली,
मेरी आंबे भवानी,
सूरत की बलिहारी मेरे आंबे भवानी,
My Ambe Bhavani, the Balihari of Surat,
Maya looks like this for the first time,
Like the girl child, Meri Ambe Bhavani,
In the second half of the world, it seems like a beautiful woman,
My Ambe Bhavani,
My Ambe Bhavani, the Balihari of Surat,
At the third o’clock Maya looks like a bride beloved,
My Ambe Bhavani,
My Ambe Bhavani, the Balihari of Surat,
In the fourth quarter, Maya looks like an old lady,
My Ambe Bhavani,
My Ambe Bhavani, the Balihari of Surat,
At the fifth hour, it looks like a sherawali,
My Ambe Bhavani,
My Ambe Bhavani, the Balihari of Surat,