मैं के बोलूं श्याम धणी,
तने सब बातां का बेरा से,
पिछले साल घणे तारे,
पर इब के नम्बर मेरा से।।
मेरे अगर पडोसी सारे,
तने उनका काम बनाया से,
किसी ने काठ ली कोठी,
किसी ने महल बनाया से,
तन्ने यो के हाल बनाया मेरा,
दो कमरा का डेरा से,
पिछले साल घणे तारे,
पर इब के नम्बर मेरा से।।
तू दोनों हाथ लुटावे,
तेरे घणे खजाने भरे पड़े,
हम रोटी पूरी करते,
और कमा कमा कर मरे पड़े,
छप्पन करोड़ का बम्पर खुल जा,
इतना माल वो तेरा से,
पिछले साल घणे तारे,
पर इब के नम्बर मेरा से।।
मेरा सपना पूरा होगा,
ना छोड़ी मन्ने आस अभी,
तू सुनेगा विनती मेरी,
यो पक्का है विश्वास अभी,
देर सही अंधेर नहीं,
‘नरसी’ ने इतना बेरा से,
पिछले साल घणे तारे,
पर इब के नम्बर मेरा से।।
Let me say Shyam Dhani,
From the stem of all things,
Dense stars last year,
But Ib’s number is mine.
If all my neighbors,
From the stem his work was made,
Somebody took the wood,
Somebody built a palace from
Tanne yo’s condition made mine,
from the two room camp,
Dense stars last year,
But Ib’s number is mine.
you plunder both hands,
Your dense treasures are full,
We would make bread
and died after earning money,
The bumper of fifty six crores opens,
That much goods from yours,
Dense stars last year,
But Ib’s number is mine.
my dream will come true,
Don’t give up my hope now,
You will hear my request,
Yo sure believe now,
Not too late dark
‘Narsi’ said so bitterly,
Dense stars last year,
But Ib’s number is mine.