ओ जी ओ अलबेला महारा सांवरिया
थारा दास पुकारे बेगा बेगा आओ जी सांवरा
ओ जी ओ अलबेला……..
मकराणे को मंदिर थारो उजलो प्रभुजी
थारे तोरण की छवि न्यारी मन ललचावे जी सांवरा
ओ जी ओ अलबेला……..
चांदी के सिंघाशन पर बेठ्या प्रभुजी
थारे सोने रो छत्तर सिर पर सोहे जी सांवरा
ओ जी ओ अलबेला……..
काना माहि झील मिल कुण्डल सोवणा प्रभुजी
थारे मोर मुकुट की सोभा अति नयारी मन भावे जी सांवरा
ओ जी ओ अलबेला……..
खस गुलाब जूही बेला खूब चढ़े प्रभुजी
थारो महक रह्यो दरबार जियो हरसावे जी सांवरा
ओ जी ओ अलबेला……..
केसरिया पचरंगो बागो पीड़ हरे प्रभुजी
थारे टाबरिया का बेडा पार लगावो जी सांवरा
ओ जी ओ अलबेला……..
फागुन महीनो आग्यो जागो श्याम धनि प्रभुजी
म्हे कस लिया बीटा गाड़ी रिज़र्वे करावो जी सांवरा
ओ जी ओ अलबेला……..
आलूसिंह सिणगार करे थारो चाव से प्रभुजी
थे खुस होकर भगता ने हुकम सुनावो जी सांवरा
ओ जी ओ अलबेला……..
O G O Albela Mahara Saawariya
Thara das calle bega bega aao ji saavra
O G O Albela………
Temple Tharo Ujlo Prabhuji to Makrane
The image of Thare Toran is beautiful.
O G O Albela………
Bethya Prabhuji on a silver throne
Thare sone cry chhatar head on sohe ji samvara
O G O Albela………
Kana Mahi Lake Mill Kundal Sovana Prabhuji
Thare Mor Mukut Ki Sobha Ati Nayari Man Bhave Ji Saavra
O G O Albela………
Khus Gulab Juhi Bella climbed a lot, Prabhuji
Tharo Mehak Raho Darbar Jiyo Harsave Ji Saavra
O G O Albela………
Saffron Pacharango Bago Peed Hare Prabhuji
Thare Tabria’s fleet crossed Lagavo ji Saawara
O G O Albela………
Phagun Month Agyo Jago Shyam Dhani Prabhuji
Mhe kas lya beta car reserve karavo ji saavra
O G O Albela………
Prabhuji should sing Aloo Singh with tharo fervor
He was happy that Bhagta listened to his command.
O G O Albela………