अपने भगत से कितना तू प्यार करता है,
रहता है खाटू में पर ध्यान रखता है,
अपने भगत से कितना तू प्यार करता है,
जब भी पुकारू मैं वो दौड़ कर आये,
चांदी का शृंगासन वो छोड़ कर आये,
अपने भगत पर कितना उपकार करता है,
रहता है खाटू में पर ध्यान रखता है,
करता है रखवाली दिन रात भगतो की,
सुनता हमेशा तू हर बात भगतो की,
मजधार में हो नैया तू पार करता है,
रहता है खाटू में पर ध्यान रखता है,
हम मांग ते रहते तू भेजता रहता,
भगतो की हालत तो तू देख ता रहता,
भगतो की झोली खाली हार बार भरता है,
रहता है खाटू में पर ध्यान रखता है,
कर्जा तुम्हारा श्याम कैसे उतारे गे,
वनवारी सेवा में जीवन में गुजारे गे,
पूजा तेरी करने से जीवन सवर ता है,
रहता है खाटू में पर ध्यान रखता है,
How much do you love your bhagat,
Stays in Khatu but takes care of,
How much do you love your bhagat,
Whenever I called, he came running.
He left the silver adornment and came,
How much favors his devotee,
Stays in Khatu but takes care of,
He guards the devotees day and night,
You always listen to everything,
If you are in the middle of the road, you cross,
Stays in Khatu but takes care of,
We kept on asking, you kept sending,
You used to keep seeing the condition of the devotees.
Bhagto’s bag fills the empty necklace bar,
Stays in Khatu but takes care of,
How will you pay off your debt?
Will spend life in Vanwari service,
By worshiping you, life is saved,
Stays in Khatu but takes care of,