मै प्रथम राम राम मेरे भगवान तुमको
करती हूं। हे परमात्मा तुम मेरी
आत्मा के स्वामी हो। हे परम पिता
परमात्मा तुम्हारा और मेरा जन्म जन्मानतर
का सम्बन्ध है। तुम मेरे हृदय की पुकार हो।
राम राम राम राम राम
हे मेरे स्वामी मुझमें श्रद्धा भक्ति प्रेम
विस्वास और विनय भरने वाले आप ही हैं।
हे मेरे मालिक तुम मेरी राम राम को,
स्वीकार कर लोगे, मेरे भाग्य का उदय हो जाएगा। भाग्य के उदय पर ही सब सच्चे
साथी हैं। हे भगवान् तुम मे सब सम्बन्ध
समाए हुए हैं। प्रभु प्राण नाथ जब मैं
अकेली होती हूं तब तुम मुझसे दिल
की बात करने आते हो। राम राम राम राम राम
मेरे मालिक तुमने ही इस
कोठरी को अपने ज्योति से उजागर
कर रखा है। मुझमें ऐसे कोई गुण दिखाई
नहीं देते हैं। हे मेरे परमेशवर स्वामी भगवान
नाथ मै तुम्हे शिश नवाकर अन्तर्मन से
प्रणाम करते हुए विनती करती हूं
मेरी राम राम को स्वीकार करने की
मुझ दासी पर कृपा करें। मेरे भगवान् जिस दिन मेरी राम राम को स्वीकार करोगे
उस घङी सब कुछ नया हो जाएगा।
हदय में प्रेम प्रकट होगा।
हर ओर तुम्हे देखते हुए, तुम मे खो जाऊंगी
जय श्री राम अनीता गर्ग
I first call you Ram Ram, my God. Oh God, you are the master of my soul. Oh Supreme Father, Supreme Soul, you and I have a relationship from birth to birth. You are the cry of my heart. O my Lord, you are the one who fills me with devotion, love, faith and humility. O my Lord, if you accept my prayer of Ram, my fortune will rise. All are true companions only on the rise of fortune. Oh my God, all relationships are included in you. Lord Pran Nath, when I am alone you come to talk to me from my heart. My master, you have illuminated this chamber with your light. No such qualities are visible in me. O my Supreme Lord Lord Nath, I bow down to you and bow down to you with all my heart and request you to please my servant to accept Ram Ram. My God, the day you will accept my Ram Ram, everything will become new.
Anita Garg