आज का आध्यात्मिक विचार
परीक्षा, प्रतीक्षा, समीक्षा
भक्त के जीवन प्रतीक्षा, परीक्षा और समीक्षा में ही बीतना चाहिए क्योंकि यदि यह तीन बातें भक्त के जीवन में नहीं है तो कैसी भक्ति और कहाँ का भक्त????
भक्ति के मार्ग में प्रतीक्षा अर्थात संयम बहुत आवश्यक है क्योंकि भक्त को ऐसा विश्वास होना चाहिए कि प्रभु जरूर आयेंगे, कृपा करेंगे जैसी बहुत बड़ी प्रतीक्षा शबरी ने की और प्रभु श्रीराम पधारे
परीक्षा तो भक्त के जीवन का आधार है, इस संसार में जी रहे हैं तो कई कष्ट भी आएँगे, महत्वाकांक्षा, इच्छा, इत्यादि भी होंगे परन्तु इस सांसारिक दुख से दुखी होकर यदि प्रभु पर विश्वास न डिगे तो यही सच्ची भक्ति है
अपनी समीक्षा रोज करते रहे एवं आत्मचिन्तन करें और विचार कीजिए कि प्रभु को कैसे प्रसन्न किया जाए? जीवन उत्सव कैसे बने ? दिनभर के कार्य के रात्रि में एकांत में बैठकर चिन्तन करें कि आज जाने-अनजाने ऐसा कोई कार्य तो नहीं हो गया जिससे प्रभु को कष्ट पहुँचा हो? प्रभु से क्षमा माँगकर अगले दिन भक्तिमय बीते ऐसी प्रार्थना करें तो देखेंगे कि मन एवं आत्मा को बहुत आनंद मिलता है एवं कोई कष्ट होगा तो प्रभु राह भी दिखाएँगे
मन तू काहे न धीर धरे, ओ निर्मोही मोह न जाने जिसका तू मोह करे
गुरुदेव की जय
श्री कृष्णाय समर्पणं
Today’s Spiritual Thought test, wait, review The devotee’s life should be spent in waiting, examination and review because if these three things are not there in the devotee’s life then what kind of devotion and where is the devotee???? Waiting i.e. patience is very important in the path of devotion because the devotee should have such faith that the Lord will definitely come and will bless him, just like Shabari waited a long time and Lord Shri Ram came. Trials are the basis of a devotee’s life. If we are living in this world, we will face many troubles, ambitions, desires, etc. but if our faith in God does not waver despite being saddened by this worldly sorrow, then this is true devotion. Keep reviewing yourself daily and introspect and think about how to please God? How to become a celebration of life? At the end of the day’s work, sit alone at night and think whether any such work knowingly or unknowingly has caused pain to the Lord? After asking for forgiveness from the Lord, spend the next day in a devotional manner and pray like this, then you will see that your mind and soul get a lot of joy and if there is any trouble, the Lord will also show you the way. Mind, why don’t you be patient, O innocent person, don’t know the attachment of the one you are attracted to. Jai Gurudev Shri Krishnay Samarpanam